उत्तर प्रदेश में भाजपा को जो जीत मिली है उसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो एक बड़ा कारण है ही लेकिन इसके अलावा भी कुछ ऐसी बातें रही हैं जिन्होंने यहां भाजपा की जीत में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.
अगर ये बातें न हुई होती तो शायद भाजपा को उत्तर प्रदेश में इतनी सीटें नहीं मिल पाती. कौन से वे कारण हैं जिन्होंने बिहार के चुनाव परिणाम से इतर तमाम दावों को नकार कर भाजपा के सिर पर जीत का सेहरा बांधा है,
आइए हम आपको बतातें हैं क्यों हुई उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत –
उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत –
1 – सपा हो या बसपा इन दलों ने हाल के वर्षों में जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में मुस्लिम तुष्टीकरण किया है उसने भाजपा की जीत में बहुत बड़ा रोल अदा किया है. सपा और बसपा ने जिस प्रकार जरूरत से ज्यादा मुस्लिम को टिकट दिए उससे बाकी लोग इन दलों से दूर हट गए.
2 – विरोधियों खासकर वामपंथियों द्वारा जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी को लेकर नकारात्मक बातों का जरूरत से ज्यादा प्रचार किया वह भी भाजपा के लिए लाभ का सौदा रहा. क्योंकि देखा गया है कि चाहे गुजरात हो या दिल्ली नरेंद्र मोदी की ताकत उसके विरोध में है. लोग उनका जितना विरोध करते हैं उतनी ही उनकी ताकत बढ़ती है.
3 – इस बार बसपा द्वारा आक्रामक चुनाव प्रचार न करना भी भाजपा के लिए वरदान साबित हुआ. क्योंकि 2007 में जिस मतदाता ने बसपा की सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी वह मायावती की निष्क्रियता से उससे दूर चला गया. मायावती ने साढ़े चार साल में एक बार भी सड़क पर उतर कर सपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध नहीं किया.
4 – सपा और कांग्रेस के गंठबंधन ने भी भाजपा को चुनाव जिताने में एक बड़ी भूमिका अदा की. इन दोनों दलों का गंठबंधन हो जाने के बाद मुस्लिम मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग बसपा को छोड़कर इनके पाले में चला गया. जबकि एंटीइनकंबेंसी के चलते सपा के पास उसका पुराना वोटर उसको पहले ही छोड़ चुका था.
5 – भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग ने भी इस चुनाव में सभी दलों के समीकरण गड़बड़ा कर रख दिए. भाजपा ने इस चुनाव में ओबीसी मतदाताओं पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया. चुनावों से पहले केशव प्रसाद मोर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने जो दांव खेला था वह उसकी एक बहुत बड़ी रणनीतिक विजय साबित हुआ.
इन वजहों से हुई उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत – इस लिहाज से जो उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत हुई है उसमें प्रधानमंत्री मोदी की आक्रामक शैली के साथ इन कारणों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. अगर ये बातें न हुई होती तो शायद भाजपा को यूपी में ये जीत नसीब नहीं हुई होती.