राजनीति

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से जुड़ी 11 बातें जो आप नहीं जानते !

बीजेपी नेता अमित शाह – बीजेपी के चाणक्य के रूप में जानें जाने वाले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बारे में वैसे तो हम सब काफी कुछ जानते हैं. लेकिन कुछ बातें ऐसी भी है जिससे हममें से ज्यादातर लोग अनजान हैं. BJP में वैसे तो अमित शाह को बुजुर्गों का ज्यादा साथ नहीं मिला. फिलहाल बीजेपी अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश और अपने गृह राज्य गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में पूरी तरह से व्यस्त हैं.

बीजेपी नेता अमित शाह के बारे में कुछ तथ्य और सत्य –

1. बीजेपी नेता अमित शाह की बात करें तो, उनकी जड़ें पॉलिटिक्स से जुड़ी हुई नहीं है. एक बहुत बड़े बिजनेसमैन अनिल चंद्र शाह के बेटे अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में हुआ. शाह के पिता PVC पाइप का बिजनेस करते थे. पढ़ाई के दिनों में अपने पिता के बिजनेस में भी साथ दिया करते थे. बायोकेमिस्ट्री से पढ़ाई की. और बैचलर्स डिग्री भी प्राप्त की.

2. स्टॉक ब्रोकर का काम भी बीजेपी नेता अमित शाह ने किया है. शाह को बैंक से जुड़े कार्यों के सारे एक्सपीरियंस थे. शाह इस बात को भली-भांति जानते थे, कि स्टेट की कमाई में कोआपरेटिव बैंक का दखल बढ़िया है. साल 1999 में जब गुजरात में बीजेपी की सरकार बनी तो अमित शाह कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष बनाए गए.

3. अपनी छोटी सी उम्र में ही शाह ने RSS जॉइन कर लिया था. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता भी बने. और साल 1986 में शाह ने बीजेपी ज्वाइन कर लिया.

4. 1991 में जब लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर की सीट से चुनाव लड़ रहे थे, तो बीजेपी नेता अमित शाह ने उनका काफी प्रचार किया. और 1996 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के लिए भी अमित शाह ने जी तोड़ मेहनत किया. उन्हीं दिनों से इलेक्शन के मामले में इन्हें सूरमा समझा जाने लगा.

5. अमित शाह के दामन पर कई बदनामी के दाग लगे. साल 2009 में किसी लड़की की जासूसी केस में अमित शाह का नाम आया. कहा गया कि इन्हीं के ऑर्डर से काम किए गए किसी ‘साहेब’ की खातिर. सन् 2010 में सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर केस ने तो हद हींं कर दी. और राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देने का प्रेशर भी पड़ा और अमित शाह की गिरफ्तारी हुई. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने अमित शाह के गुजरात में घुसने पर भी पाबंदी लगा दी. लेकिन बाद में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने पर सारा मामला साफ हो गया.

बीजेपी नेता अमित शाह के 11 सच, जो कम लोग हीं जानते हैं –

1. Bjp अध्यक्ष का पैतृक घर अहमदाबाद के मनसा स्थित इलाके में मौजूद है. बता दें कि ये हेरिटेज बिल्डिंग में शुमार किया गया है.

2. शाह की माता कुसुंम बा एक गांधीवादी थीं. मां ने बेटे को विरासत के तौर पर लाइब्रेरी दी थी. जिस लाइब्रेरी में बाइबल, कुरान समेत हजारों
किताबें मौजूद हैं.

3. अमित शाह की माताजी ने ही उन्हें खादी पहनने की प्रेरणा दी थी, जिससे अभी तक उन्होंने नहीं छोड़ा.

4. विश्व हिंदू परिषद से शाह ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. और तभी से उन्हें प्रतिदिन डायरी लिखने की आदत भी लगी. जिसका पालन वे अब तक कर रहे हैं. शाह चाहते हैं कि बीजेपी के सभी बड़े नेताओं के जीवन से जुड़े विचारों और किस्सों को सुरक्षित रखा जाए.

5. शाह मीडिया को पसंद नहीं करते हैं. खासकर टेलीविजन मीडिया को. पत्रकारों के फोन भी कम लेते हैं. लेकिन जब कार्यकर्ताओं की बात आती है, तो उनसे बात करने के लिए वो हमेशा तत्पर रहते हैं. बीजेपी अध्यक्ष बनने से पहले शाह फोन खुद हीं उठाया करते थे. और उनका पहला स्वर हेलो नहीं होता था, बल्कि होता था – हां, अमित.

6. गुजरात के लोगों का कहना है कि अमित शाह ने 1990 में ही इस बात की भविष्यवाणी कर दी थी, कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.

7. फर्जी मुठभेड़ कांड में अमित शाह को जब जेल की सजा हुई थी, तो उस दौरान शाह ने गीता का गहन अध्ययन किया था. यहां तक कि दूसरे कैदियों को भी वो गीता का पाठ पढ़ कर सुनाया करते थे.

8. Bjp अध्यक्ष अमित शाह को ज्योतिष में बहुत विश्वास है.

9. शाह और उनकी धर्मपत्नी भगवान सोमनाथ के परम भक्त हैं. और इसलिए शाह सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के साथ जुड़े भी हैं. जिसे वो अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि समझते हैं.

10. बेहद कट्टर छवि है अमित शाह की. फेक एनकाउंटर की पूरी सीरीज के छीटेंं अमित शाह पर पड़े. लेकिन हकीकत में उनके कई नजदीकी दोस्त मुस्लिम हैं. एक बहुत हीं प्रभावशाली मौलाना से भी उनकी काफी गहरी दोस्ती है और आए दिन ये दोनों वेजीटेरियन दावत का लुत्फ उठाते हैं.

11. अमित शाह का मानना है कि बीजेपी के सभी कार्यकर्ताओं को समाजवाद, मार्क्स, ईसाइयत और इस्लाम के बारे में अच्छी जानकारी लेनी चाहिए. क्योंकि उन्हें लगता है कि जब कार्यकर्ताओं को जानकारी अच्छी होगी तभी वे बहस में टिक पाएंगे.

आज राजनीति के मंझे हुए प्रतिभावान बीजेपी नेता अमित शाह किसी नाम के मोहताज नहीं. शाह ने 1989 से 2014 के बीच गुजरात राज्य विधानसभा और विधान स्थानीय निकायों के लिए 42 छोटे-बड़े चुनाव लड़े, जिनमें एक भी चुनाव में पराजित होने का मुंह उन्हें नहीं देखना पड़ा.

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