राजनीति

इस इंजेक्शन का दर्द नहीं होता ! जानिए किसको लगाने की है तैयारी !

एक दशक से अधिक समय बाद जेल से बाहर आए राजद के बाहुबली विवादास्पद नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन अपने तेवरों से विहार के मुख्यमंत्री को चिंता में डाल दिया है.

जेल से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिप्पणी को लेकर जदयू ने मोहम्मद शहाबुद्दीन को कड़ी चेतावनी दी है.

कहा है कि सरकार इकबाल का अहसास कराना जानती है. उसके पास अपराधियों से निपटने के लिए इंजेक्शन है और सरकार के पास जो इंजेक्शन है उसका दर्द भी नहीं होता है.

जेल से बाहर निकलते ही राजद के मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेता मानने से इंकार करते हुए उनकी शराबबंदी को काला कानून करार दिया. बता दे कि शहाबुद्दीन पर बिहार में हत्या और आर्मस् एक्ट के कई आपराधिक मामले चल रहे हैं.

सारा बवाल उस वक्त शुरू हुआ जब शहाबुद्दीन ने लालू प्रसाद यादव की तारीफ की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परिस्थितियों का मुख्यमंत्री बता दिया. वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार ने भी अपने तेवर सख्त कर दिए हैं.

नीतीश कुमार ने जमानत पर रिहा हुए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को लेकर एक बैठक की, जिसमें इस बाहुबली नेता पर क्राइम कंट्रोल एक्ट सीसीए लगाने पर विचार हुआ था. बता दे कि अगर शहाबुद्दीन पर सीसीए लगता है तो उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ेगा.

इससे बोखलाए मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को उनके खिलाफ जो करना है करे. सरकार अगर सीसीए (क्राइम कंट्रोल एक्ट) लगाना चाहती है तो लगाए, लेकिन मैं अपने तरीके से जीता हूं.

शहाबुद्दीन लंबा समय जेल में गुजार कर आए हैं. कोर्ट ने जमानत दी थी जिस कारण बाहर हुए लेकिन बाहर रहकर गड़बड़ी की तो सरकार उपाय भी जानती है. सीधे शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि शहाबुद्दीन का ट्रैक रिकार्ड अपराध वाला है. आपराधिक छवि वाले लोगों का उपाय करना सरकार जानती है.

जेल से छूटते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बरसने और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का गुणगान करने वाले शहाबुद्दीन को जदयू ने हद में रहने की कड़ी चेतावनी दी है. कहा है कि वे गैर भाजपा गठबंधन दल के मुखिया के प्रति टिप्पणियों से बाज आएं वरना सरकार इलाज करने में देर नहीं करेगी.

जदयू प्रवक्ता एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि राज्य में शांति व्यवस्था और भयमुक्त वातावरण सरकार की प्राथमिकता में है. इसपर नीतीश कुमार ने कभी न समझौता किया है न करेंगे. 11 साल जेल में रहने वाला अपराधी सरकार को राजनीतिक ज्ञान न दे.

उल्लेखनीय है कि जेल से निकलने के बाद शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार को परिस्थितियों का मुख्यमंत्री बताते हुए कहा था कि नीतीश जननेता नहीं हैं. उनमें अपने दम पर सरकार बनाने का माद्दा नहीं है. वे अपने बूते 20 सीटें भी नहीं जीत सकते.

वहीं जदयू प्रवक्ता नीरज की इस चेतावनी को नीतीश सरकार की ओर से मोहम्मद शहाबुद्दीन के लिए अल्टीमेटम माना जा रहा है.

Vivek Tyagi

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