ॐ की आकृति – जहां भगवान हैं वहां चमत्कार भी है। एक तरह से चमत्कार का पर्याय ही ईश्वर है। हम सभी विभिन्न देवताओं में आस्था रखते हैं और उन सभी से जुड़ी चमत्कारिक कथाएं सुनते रहते हैं । त्रेता, द्वापर या अन्य जिस भी युग में परमात्मा रहे हैं उन्होंने मानव जाति का कल्याण किया है।
कलयुग में भगवान हमें साक्षात नजर तो नहीं आते, मगर धार्मिक स्थलों में उनका वास माना जाता है।
आमतौर पर इन पवित्र स्थलों से ऐसी कथाएं जुड़ी होती हैं जो भक्तों को विस्मय से भर देती हैं। आज हम भगवान भोलेनाथ से जुड़े ऐसे ही एक ‘ॐ पर्वत’ के चमत्कार के बारे में जानेंगे।
भगवान शिव के बारे में आपने कई तरह की कथाएं सुनी होंगी। धरती पर स्थापित उनके कुछ शिवलिंगों को पवित्रतम तीर्थ स्थल माना जाता है। यह तो हम सभी जानते हैं कि भोले-भंडारी कैलाश पर्वत पर वास करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि धरती पर वर्तमान में तीन कैलाश पर्वत मौजूद हैं।
जी हां। तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर पहला, उत्तरांचल में बना आदि कैलाश दूसरा और हिमाचल प्रदेश में स्थापित पवित्र किन्नौर कैलाश इस तरह का तीसरा पर्वत माना जाता है।
कौन-सा है ॐ पर्वत?
नेपाल और तिब्बत भारतीय सीमा से जुड़े हुए हैं। भारत समेत इन दोनों की सीमाएं जिस स्थान पर मिलती हैं, वहाँ स्थित पर्वत को ही पवित्र ॐ पर्वत कहा जाता है। अन्य धार्मिक स्थलों की तरह ही ॐ पर्वत के बारे में कई पौराणिक कथाएं चर्चित हैं।
बनती है ॐ की आकृति
ॐ पर्वत प्रकृति का अनूठा नमूना है। यहां ॐ की आठ खूबसूरत आकृतियां बनती हैं, जिन्हें किसी इंसान ने नहीं बनाया है। इस आकर्षक दृश्य को देखकर आप खुद-ब-खुद ही अपना शीश श्रद्धा से झुका लेंगे।
हिमालय में ॐ
हिमालय पर्वत श्रंखला में ॐ पर्वत को विशेष दर्जा प्राप्त है। ठंड के दिनों में जब बर्फ गिरती है तो उस बर्फ से यहां अपने आप ही ॐ की आकृतियां बनने लगती हैं।
एक नहीं है ॐ पर्वत
ॐ पर्वत समुद्र तल से 6,191 मीटर (20,312 फ़ीट) ऊंचा है। इस पर्वत को आदि कैलाश के साथ ही छोटा कैलाश, बाबा कैलाश व जोंगलिंगकोंग के नाम से भी पुकारा जाता है।
बता दें कि ॐ की जिन आठ आकृतियों की बात की गई है, वो हिलामय के विभिन्न पहाड़ों पर बनती है, जिनमें से यही एक पर्वत लोगों की नजर में आता है।
कैलाश-मानसरोवर यात्रा
कैलाश-मानसरोवर को भोलेनाथ और माता पार्वती का घर माना जाता है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु कैलाश-मानसरोवर की पवित्र यात्रा पर निकलते हैं। इस यात्रा के दौरान इन श्रद्धालुओं को ॐ पर्वत के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। श्रद्धालु रास्ता बदलकर ॐ पर्वत के दर्शन करने जाते हैं।
भारत की ओर ॐ
बता दें कि ॐ पर्वत भारत और नेपाल दोनों तरफ से नजर आता है। लेकिन ॐ की आकृति उत्तराखंड, भारत की ओर ही बनती है। ॐ पर्वत को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है।
यदि आप निकट भविष्य में कैलाश-मानसरोवर यात्रा की योजना बना रहे हैं तो चमत्कारिक ॐ पर्वत के दर्शन करना मत भूलिएगा।
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