भीम का साम्राज्य – आइये आज आपको हम भीम के साम्राज्य में लेकर चलते हैं.
भीम का साम्राज्य भारत पर 52 सालों तक रहा था. कहते हैं कि इन सालों में तो जनता को कोई भी दिक्कत या परेशानी नहीं हुई थी लेकिन जब भीम के राज्य पर मोहम्मद गजनवी ने हमला किया था तो तब यह भीम अपनी जान बचाकर भाग गया था.
राज्य की जनता को मारा गया था, कत्लेआम हुआ था लेकिन भीम ने मुड़कर अपने राज्य की ओर देखा भी नहीं था.
जी हाँ यह भीम का साम्राज्य की बात इतिहास के पन्नों में दर्ज है और भारत के लोग इस बात को भूल चुके हैं.
लेकिन आज हम आपके सामने अहिन्लवाड का चालुक्य राजकुल की दास्तां पेश कर रहे हैं. इस कुल का एक शक्तिमान नृपतिमूलराज के पौत्र दुर्लभराज का भतीजा भीम प्रथम हुआ था. भीम ने भीम ने यहाँ लगभग 52 सालों तक राज्य किया था.
लेकिन आगे की कहानी पढ़ने से पहले जान लें कि यह भीम महाभारत वाला भीम नहीं है.
फिर भी कहते हैं कि शुरुआत में यह एक सफल राजा सिद्ध हुआ था.
इसकी भुजाओं में भी वैसी ही शक्ति थी. कोई अन्य भारतीय राजाइसके साम्राज्य की ओर आँख नहीं उठाता था. लेकिन तभी मोहम्मद गजनी को सोमनाथ के मंदिर का खजाना नजर आने लगा था. वह हर हालत में इस खजाने को लूटना चाहता था.
क्या हुआ जब गजनवी का आक्रमण राज्य पर हुआ…
मोहम्मद गजनवी मरुप्रदेश लांघकर अहिन्लवाड आया और सोमनाथ के मंदिर से पहले भीम का सामना उससे हुआ.
गजनी की एक विशाल सेना थी. राज्य के सैनिक और सेना पहली बार इस तरह की सेना से लड़ रही थी जो निर्दयी और बेरहम थे. इनका मकसद सिर्फ और सिर्फ कत्लेआम ही था. दया और रहम जैसी कोई भी चीज इनकी किताब में नहीं थी.
तब भीम प्रथम काफी डर गया और नगर को छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए यहाँ से भाग खड़ा हुआ था. कहते हैं कि यह युद्ध दिनभर चला था और अंत में भीम की सेना ने भी आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद पूरे नगर में खून का गंदा खेल हुआ. बड़ी संख्या में हिन्दुओं का वध किया गया, मंदिर गिरा दिए गये थे. यहाँ से लुटा हुआ धन लेकर ही गजनी वापस अपने साम्राज्य में लौटा था.
इस युद्ध के बाद…
लूट के बाद सुलतान अपने देश लौट गया था और तब वापस यहाँ भीम लौट आया था.
लेकिन जब एक योद्धा युद्ध भूमि से भाग जाता है तो वह अपना सम्मान भी खो देता है. ऐसा ही कुछ यहाँ भी हुआ. जो लोग अभी तक भीम से डरते थे उन लोगों ने भीम के साम्राज्य पर हमला किया. बाद में कुछ संधियों के दम पर कुछ समय तक इसका साम्राज्य बचा रहा और अंत में भीम ने अपना राज्य भी खो दिया था.