मिलिए बिना आँखों के एक ऐसे हिंदुस्तानी से जिसने 15000 का लोन लेकर 25 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी!

पूरी ज़िन्दगी हम अपनी कमियों को गिनने और उनकी वजह से हो रही दिक्कतों की लिस्ट बनाने में निकाल देते हैं!

फिर कुछ ऐसे लोग होते हैं जो अपनी कमियों को अपना दोस्त बना लेते है और ऐसा कुछ कर जाते हैं जो आने वाली नस्लों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाएँ!

ऐसे ही एक व्यक्ति हैं महाबलेश्वर के भावेश भाटिया! इनके जीवन की कहानी आपको कुछ कर दिखाने पर मजबूर ना कर दे तो कहियेगा!

यह जब पैदा हुए तो आंशिक रूप से अंधे थे! जब स्कूल के बच्चे इनका मज़ाक उड़ाते तो इनकी माँ कहतीं कि वो तुमसे दोस्ती करना चाहते हैं इसलिए मज़ाक उड़ा रहे हैं| बस यही बात पकड़ ली भावेश ने और फिर सब बच्चों को अपना दोस्त बना लिया! चूंकि स्कूल में ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाती थी और नेत्रहीन पाठशाला में जाने लायक पैसे नहीं थे, इनकी माँ ने ही इन्हें पढ़ाया| पर जानते हैं, इनकी माँ को कैंसर था और उस हालात में भी वो अपने बेटे को जीवन का सच्चा ज्ञान देने से नहीं चूकीं!

किसी तरह पोस्ट-ग्रेजुएशन तक भावेश ने पढ़ाई की लेकिन किस्मत ने इनपर फिर एक भारी मार की जब एक लगी-लगायी होटल की नौकरी तब छूट गयी जब यह पूरी तरह से अंधे हो गए और उसी दौरान उनकी माँ की भी मृत्यु हो गयी! तीन-तीन आघात एक साथ लगने पर किसी का भी ज़िन्दगी से भरोसा उठ सकता है लेकिन भावेश ने हार नहीं मानी!

बचपन से उन्हें पतंगें, मिट्टी के खिलौने बनाने का शौक़ था और उसी शौक़ के चलते उन्होंने मोमबत्तियाँ बनाने का फ़ैसला किया!

मुंबई में नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ ब्लाइंड्स से इन्होने मोमबत्ती बनाने का काम सीखा और फिर महाबलेश्वर में ठेला लगा के मोमबत्तियाँ बेचने का काम शुरू किया! रात को बनाते और दिन में बेचते|

कहते हैं ना अच्छे लोगों के साथ अच्छा ही होता है, इनके साथ भी ऐसा ही हुआ| जीवन में एक ख़ूबसूरत मोड़ तब आया जब इनकी पत्नी नीता ने इनका हाथ थामा | इनके अच्छे स्वाभाव और मेहनती जीवन को देख नीता ने घरवालों की मर्ज़ी के बिना इनसे शादी की और इनकी सच्ची जीवन-संगिनी बन गयीं!

कुछ भी आसान नहीं हुआ लेकिन मुश्किलों से लड़ने की ताक़त दुगुनी हो गयी! और भी ठोकरें खायीं लेकिन फिर एक दिन सतारा बैंक ने इन्हें 15000 रुपये का लोन दे दिया अपने व्यापर को आगे बढ़ाने के लिए!

फिर क्या था, इसके बाद इन्होंने पीछे मुड़ के नहीं देखा! जल्दी ही एक टू वीलर ले लिया जिसे नीता चलातीं और दूर-दराज़ में जाकर भावेश की मोबत्तियाँ बेच के आतीं| इसके बाद आई एक वैन जिसे चलाना भी नीता ने सीख लिया जिस से ना सिर्फ़ व्यापर में उन्नति हुई बल्कि वो भावेश को दूसरे शहरों में भी ले जातीं ताकि वो वहाँ बिकने वाली महँगी मोमबत्तियों को अपनी उँगलियों से छू के समझ सकें और फिर वैसे ही बना भी सकें!

ये सब सुनने में आसान लगता है लेकिन हक़ीक़त में बहुत ही मुश्किल है, उनके लिए भी जिनकी आँखें बराबर काम करती हैं|

जिस व्यापार से भावेश एक समय केवल 25 रुपये दिन के बचाते थे, बढ़ते-बढ़ते अपने आप में एक इंडस्ट्री हो गया है! अब उनकी फैक्ट्री में 9000 तरह की मोमबत्तियाँ बनती हैं और बनाने वाले सभी 200 कारीगर अंधे हैं! उनके क्लाइंट्स की सूची में आते हैं देश के बड़े नाम जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज़, रैनबैक्सी, बिग बाज़ार वगैरह!

खुली रह गयी ना आपकी आँखें?

भावेश जो पैरालिम्पिक गेम्स में 109 मेडल्स जीत चुके हैं, रोज़ 8 किलोमीटर दौड़ते हैं अपने ऑफ़िस में बने जिम में और अगला सपना है एवेरेस्ट पर चढ़ने का!

सवाल ये नहीं है कि कैसे, पर कब?

इंसान के बस में सब कुछ है अगर वो चाहे तो और इसका सजीव उदहारण हैं भावेश भाटिया!

Deeksha Dudeja

Share
Published by
Deeksha Dudeja

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago