यूं तो देश की राजधानी दिल्ली का झंडेवाला इलाका सबसे व्यस्त इलाका माना जाता है.
झंडेवाला के रिज एरिया में एक बेहद सुनसान जगह है, जहां मौजूद एक जर्जर किले को भूली भटियारी महल के नाम से जाना जाता है.
यह भटियारी महल अपने आप में कई राज़ समेटे हुआ है. शाम ढ़लते ही यहां सन्नाटा पसर जाता है. दूर-दूर तक यहां न तो कोई गेट नज़र आता है और न ही कोई गार्ड.
इस भटियारी महल को लेकर लोगों में इस कदर ख़ौफ है कि सूर्यास्त के बाद इस वीराने में इंसान तो क्या एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता क्योंकि रात के सन्नाटे में इस भटियारी महल में भटकती है एक रानी की आत्मा.
कहा जाता है कि जो भी यहां रात के समय में आता है, वो रास्ता भटक जाता है और वापस कभी नहीं लौट पाता. भटकते-भटकते इस जंगल में उसकी मौत हो जाती है…
क्या है भटियारी महल का इतिहास ?
कहा जाता है कि 14 वीं सदी में फिरोज़ शाह तुगलक ने इस जगह को शिकारगाह के रुप में बनवाया था. किसी ज़माने में इस महल में एक बहुत बड़ा गेट हुआ करता था, जो अब मलबे में तब्दील हो चुका है. इस महल में एक बड़ा सा आंगन है और आंगन के चारों तरफ कमरे बने हुए हैं जिसमें शिकार करनेवाले राज परिवार के लोग रहा करते थे.