हमारे देश की बात ही कुछ अलग है.
इतिहास गवाह है. यहां चमत्कार को प्रणाम किया गया है. ऐसा लगता है कि संसार में जो भी अजीबो-गरीब बात हुई है वो हमारे देश में ही हुई है.
अब देखिए ना, अपने देश को विश्व में तीन नामो से जाना जाता है. “ भारत, हिन्दुस्तान और इंडिया “ यानि हमारे देश का तीन बार नामकरण हुआ है.
है ना सोचने वाली बात?
लेकिन सवाल ये है – देश का तीन बार नामकरण किसने किया और कैसे हुआ?
आइये जानते है ये तीन नाम – भारत, हिन्दुस्तान और इंडिया – कैसे पड़े…
“भारत” नाम ऐसे पडा
भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री राम के छोटे भाई भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत रखा गया था, लेकिन इतिहास के पन्नो पर नजर डाले तो जानकार कहते है कि प्राचीन भारत में हस्तिनापुर के राजा के पुत्र भरत आगे चलकर “चक्रवर्ती सम्राट” हुए. अपनी बहादुरी के दम पर इन्होने अपने साम्राज्य को कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैलाया था. इसलिए उस समय के महानुभावों ने योद्धा भरत के नाम पर ही देश का नाम भारत रखा.
एक अन्य मत के अनुसार जब आर्य देश में आये तो वो बहुत सारे कबीलों के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गये. उन्ही में से एक बड़ा कबीला भारत कहलाता था और इसी से देश का नाम भारत प्रचलित हुआ.
“हिन्दुस्तान” नाम ऐसे पड़ा
हिमालय के पश्चिम में सिंधु नदी बहती है और एक बहुत बड़ा भू-भाग इससे घिरा है. इस भू-भाग को सिंधु घाटी कहते हैं. यहां रहने वालो का रहन सहन, सभ्यता विश्वभर में प्रसिद्द थी. ऐसे में मध्ययुग के दौरान जब तुर्किस्तान से कुछ विदेशी और ईरानी लुटेरे देश में आए तो सर्वप्रथम उन्होंने सिंधु घाटी में प्रवेश किया. यहां रहने वाले लोगो से प्रेरित होकर, निवासियों को उन्होंने हिन्दू नाम दिया, जो सिंधु का ही एक अपभ्रंश भी है. धीर धीरे देश, हिन्दुओं का देश के नाम से चर्चित होने लगा और फिर हिन्दुस्तान के नाम से जाना जाने लगा.
‘’इंडिया” नाम ऐसे पड़ा
जब अंग्रेज हमारे देश में आये तो उन्हें हिन्दुस्तान अथवा हिन्द नाम का उच्चारण करने में कठिनाई हुआ करती थी. उन्होंने इस दुविधा का हल निकालने की कोशिश शुरू करदी. उन्हें मालूम चला कि सिंधु घाटी का नाम इंडस वैली भी है और फिर उन्होंने देश का नाम इंडिया रखा, जो कि इंडस से नाम से मिलता जुलता नाम था. ये नाम अंग्रेजो के लिए सरल भी था. धीरे धीरे इंडिया नाम विश्वभर में प्रचलित हुआ.
एक अन्य मत के अनुसार जब अलेक्जैंडर (सिकन्दर) भारत आया तो उसने अंग्रेजी में HINDU का H हटाकर देश को INDU नाम से बुलवाना शुरू कर दिया, जो बाद में INDIA (इंडिया) बन गया. वैसे संविधान में आज भी देश का नाम भारतवर्ष ही है.
इस तरह से हमारे देश के तीन नामकरण हुए – भारत, हिन्दुस्तान और इंडिया …
पौराणिक कथाओं और इतिहास की माने तो कई ऐसी वजहें है, जिनके कारण हमारे देश का तीन बार नामकरण हुआ है, पर सच्चाई सिर्फ इतनी है कि….
हमारे देश के तीन नाम है. भारत, हिन्दुस्तान और इंडिया – इसलिए हम गर्व से कहते है और कहते रहेंगे कि ….
मेरा भारत महान..