भगवान श्री कृष्ण को छलिया, मनमोहना, कृष्णा और ना जाने कितने नामों से लोग जानते हैं.
बांसुरी की एक आवाज सुन गोपियां सब छोड़-छाड़ कर दौड़ी चली आती थी. राधा और कृष्ण के प्यार के किस्से तो हम सब जानते ही हैं. बेपनाह मोहब्बत के बावजूद कृष्ण ने राधा जी से शादी नहीं की थी.
लेकिन भगवान कृष्ण ने 16,108 स्त्रियों के साथ विवाह रचाया था.
मुख्य तौर पर उनकी 8 पत्नियां थी, जिनके नाम रुकमणी, सत्यभामा, जाम्बवती, कालिंदी, मित्रविंदा, नाग्राजिती, भद्रा और लक्ष्मणा थे. उनमें सत्यभामा और रुक्मणी प्रसिद्ध हैं.
लेकिन सवाल ये है कि 8 पत्नियों के बाद भी, आखिर श्री कृष्ण की 16000 पत्नियाँ क्यों थी ?
वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण अपने चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं, जो काफी रोचक है. लेकिन इन 16000 शादियों के पीछे उनका कोई चमत्कार नहीं था.
तो फिर ऐसी क्या मजबूरी थी?
क्यों उन्हें 16000 स्त्रियों से शादी करनी पड़ी?
तो चलिए हम बात करते है श्री कृष्ण की 16000 पत्नियाँ क्यों थी.
कहते हैं नरकासुर नाम के राक्षस ने एक बार स्वर्ग, पाताल और धरती, तीनो लोकों पर कब्जा कर लिया. राक्षस नरकासुर ने पृथ्वी के जिन 16000 देशों पर विजय प्राप्त की उनकी राजकुमारियों को बंदी बना लिया. स्वर्ग में विजय प्राप्त करने के बाद नरकासुर ने स्वर्ग के देवता इंद्रदेव की मां अदिति के कान की बालिउँ चुरा ली और पाताल में उसने पानी के देवता वरुण देव का शाही छाता चुरा लिया.
इसी दौरान इंद्रदेव ने भगवान कृष्ण से याचना की, कि वो नरकासुर राक्षस का वध करे और तीनों लोकों को उसके अत्याचार से मुक्त कराएं.
अतः श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर से युद्ध किया, जिसमें नरकासुर की मृत्यु हुई.
नरकासुर की मृत्यु के बाद श्री कृष्ण ने 16000 महिलाओं को मुक्त किया. कहते हैं प्राचीन काल में जब कोई राजा किसी अन्य राज्य की महिला का अपहरण कर लेता था तो महिला उसकी बंदी हो जाती थी और उसके बाद अगर वह राजा परास्त भी हो जाए तो वो महिलाएं अपने राज्य वापस नहीं जा पाती थी. क्योंकि उन्हें कलंकित माना जाता था. जिस वजह से उन्हें शर्मनाक जीवन व्यतीत करना पड़ता था. इसलिए नरकासुर की कैद में रहने वाली महिलाओं को भी यह सहन करना पड़ा. अतः भगवान श्रीकृष्ण ने इस पीड़ा से छुटकारा दिलाने के लिए. उन सभी 16000 स्त्रियों से शादी कर ली और कृष्ण की 16000 पत्नियाँ हुई.
भागवत पुराण के अनुसार श्री कृष्ण की पत्नियों के जीवन के बारे में बताया गया है कि श्री कृष्ण ने उन सभी 16,000 स्त्रियों को एक-एक घर दिया और उन सबको सौ-सौ दासियां भी दी. कहते हैं भगवान श्री कृष्ण रात के समय स्वयं को कई रूपों में बांट लेते थे और अपनी सभी पत्नियों के साथ समय बिताते थे. सुबह होने पर उनके सभी रुप एक होकर कृष्ण बन जाते थे.
इस तरह भगवान श्री कृष्ण ने सबको समान दर्जा दिया.
तो ये थी भगवान श्री कृष्ण की 16000 स्त्रियों से ब्याह रचाने की असली वजह.
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