4. क्या मेरा-मेरा करना ये जीवन मात्र एक मेला है. क्या पर हम बस अपना कुछ समय ही बिताने आये हैं. लेकिन हम यहाँ मेरा-मेरा करते हुए मर जाते हैं. मेरा पैसा, मेरे बच्चे, मेरा घर, कुछ भी मेरा नहीं होता है. इंसान नंगा आता है और नंगा ही जाता है. 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Bhagwad geeta · bhagwad geeta lessons · bhagwad geeta the way of life · Featured · shrimad bhagwad geeta Article Categories: विशेष