10. मन की ना सुनें, आत्मा की सुनें
व्यक्ति को हमेशा आत्मा की आवाज सुननी चाहिए. लेकिन हम मन की बात सुनते हैं. मन हमेशा गलत कार्य करवाता है और आत्मा प्रभु की ओर हमें खींचती है.
तो यह रहा गीता सार, अगर आप गीता नहीं पढ़ सकते हैं तो यह 10 बातें आपकी बेहद मदद कर सकती है.
सम्पूर्ण गीता शास्त्र का निचोड़ है बुद्धि को हमेशा सूक्ष्म करते हुए महाबुद्धि आत्मा में लगाये रहो. स्वभावगत कर्म करना सरल है और दूसरे के स्वभावगत कर्म को अपनाकर चलना कठिन है क्योंकि प्रत्येक जीव भिन्न भिन्न प्रकृति को लेकर जन्मा है.
जीव जिस प्रकृति को लेकर संसार में आया है उसमें सरलता से उसका निर्वाह हो सकता है. श्री भगवान ने सम्पूर्ण गीता शास्त्र में बार-बार आत्मरत, आत्म स्थित होने के लिए बताया है.