1940 में दुनिया की आबादी की लगभग 3% आबादी यानि करीबन 60 मिलियन लोगों की मौत का जिम्मेदार हिटलर अकेला ही नहीं इटली का तानाशाह बेनितो मुसोलिनी भी था. अत्याचार और पागलपन के मामले में मुसोलिनी, हिटलर से कहीं आगे था.
दुनिया में फासीवाद की शुरुआत की थी मुसोलिनी ने.
दुनिया के सबसे भयानक तानाशाहों में से एक मुसोलिनी के जीवन की कुछ खास बातों से आज आपको दो चार करवाते है.
29 जुलाई 1883 को इटली के एक छोटे गाँव में मुसोलिनी का जन्म हुआ था.
गरीबी के चलते मुसोलिनी इटली से स्विट्ज़रलैंड चला गया. वहां जाकर बेनितो ने समाजवादी विचारधारा को अपनाया. 1904 में मुसोलिनी वहां से फिर इटली आ गया और वहां आकर एक पत्रकार का काम शुरू कर दिया.
जब मुसोलीनी ने प्रथम विश्वयुद्ध में भागीदारी का समर्थन किया तब मुसोलिनी का समाजवादी विचारधारा से संबंध टूट गया. 1915 में बेनितो ने इटली की सेना को जोइन किया और 1919 में मुसोलीनी ने इटली में फासीवादी पार्टी की स्थापना की.
फासीवादी पार्टी को इटली के बहुत से बेरोजगार पूर्व सैनिकों और बेरोजगार युवाओं का समर्थन प्राप्त हुआ.मुसोलिनी के समर्थक ब्लैक शर्ट नाम से जाने जाते थे.
उनका काम था अपने राजनैतिक विरोधियों को डराना और ख़त्म करना.
साल 1921 में मुसोलिनी के पार्टी को सरकार में शामिल होने का निमंत्रण मिला. सरकार में शामिल होने के बाद मुसोलिनी की ताकत बढती ही चली गयी. ये वो दौर था जब इटली राजनैतिक अस्थिरता से जूझ रहा था. 1922 में मुसोलिनी और उसके समूह ब्लैक शर्ट्स ने इटली में मार्च किया और राजनैतिक उथल पुथल के समय मुसोलिनी ने खुद को सबसे योग्य उम्मीद्वार घोषित किया.
इस तरह मुसोलिनी इटली का नेता बन गया कुछ समय बाद 1925 में उसने खुद को तानाशाह घोषित कर दिया.
बेनिटो मुसोलिनी ने तानशाह बनने के बाद पूरे इटली को एक सूत्र में बाँध दिया. तानाशाह बनने के बाद बेनितो का सपना था इटली को यूरोप के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित करना.
इसी कड़ी में 1935 बेनिटो ने वर्तमान इथोपिया पर हमला कर उसे इटालियन साम्राज्य का एक हिस्सा बना लिया.मुसोलिनी ने स्पेन गृहयुद्ध में फ्रांको की भी सहायता की थी.
मुसोलिनी के सम्बन्ध नाज़ी जर्मनी से हमेशा से अच्छे थे. कई व्यापारिक एवं सैन्य संधियाँ और समझौते हुए थे इन दोनों राष्ट्रों के बीच.
जब हिटलर ने यहूदियों का दमन शुरू किया तो इटली में बेनिटो ने भी वैसा ही कुछ करना शुरू कर दिया.
1940 में द्वितीय विश्वयुद्ध में इटली ने फ्रांस और ब्रिटेन पर हमला किया, पूर्वी अफ्रीका और बाल्कन में इटली की सेनाओं को अपनी कमजोरी पता चल गयी और हर युद्ध में इटली को मात खानी पड़ी.
मुसोलिनी को मित्र राष्ट्रों की सेनाओं द्वारा सिसली में गिरफ्तार कर लिया गया.
जर्मनी की मदद से बेनिटो रिहा हुआ. मित्र राष्ट्रों से संधि की गयी और मुसोलिनी को फिर से इटली की बागडोर सौंपी गयी पर मुसोलिनी नाममात्र का शासक रह गया था.
जब मित्र सेना इटली के अंदर तक आ पहुंची तो मुसोलिनी इटली से स्विट्ज़रलैंड भाग गया. अप्रेल 1945 को इटली के लोगों ने मुसोलिनी की गोली मार कर हत्या कर दी.
हत्या के बाद मुसोलिनी और उसके साथियों का शरीर सरे आम लटका दिया गया.
इस तरह लाखों लोगों के हत्यारे तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी का अंत हुआ.
ये था बेनिटो मुसोलिनी : लाखों लोगों के हत्यारे का राष्ट्रवादी से वहशीपन तक का सफर.
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