रुद्राक्ष धारण करने के फायदे – कहा जाता है कि भगवान शिव एकमात्र ऐसे देव हैं जो आसानी से अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं.
भगवान भोलेनाथ इतने भोले हैं कि जो भी उन्हें मन से याद करता है वे उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.
जो कोई भी भगवान शिव के चरणों में अपने शीश झुकाता है भगवान उसके जीवन की हर बाधा हर परेशानी को दूर करते हैं क्योंकि वे अपने भक्तों का कभी कोई अमंगल नहीं होने देते हैं.
भगवान शिव की तरह ही रुद्राक्ष भी इंसान के जीवन की हर बाधा को दूर करके चमत्कारी शक्तियां प्रदान करता है. आखिर ये रुद्राक्ष है क्या, इसकी उत्पत्ति कैसे हुई और इससे धारण करने से क्या लाभ होता है. ये सारी बातें हम आपको बताते हैं.
भगवान शिव के आंसूओं से बना है रुद्राक्ष
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव कई सालों तक तपस्या में लीन रहे. तपस्या के पश्चात जब शिव ने अपनी आंखे खोली तो उनकी आंखों में से आंसू की कुछ बूंदे धरती पर गिरी. जहां पर ये आंसू गिरे थे वहां पर एक रुद्राक्ष का पेड़ बन गया.
भगवान शिव के आंसू कहे जानेवाले रुद्राक्ष 14 प्रकार के होते हैं, जिनमें से हर एक रुद्राक्ष व्यक्ति की अलग-अलग इच्छाओं को पूरा करने की चमत्कारिक शक्ति अपने आप में समेटे हुए है.
रुद्राक्ष आकार में जितना छोटा होता है उतना ही प्रभावशाली होता है. इसे पूरे विधि-विधान और शिव के आशीर्वाद के साथ धारण करना चाहिए.
आइए जानते हैं किस रुद्राक्ष को किस मंत्र के साथ धारण करना चाहिए और रुद्राक्ष धारण करने के फायदे –
रुद्राक्ष धारण करने के फायदे और मंत्र
1- एक मुखी रुद्राक्ष
लक्ष्मी प्राप्ति के साथ ही भोग और मोक्ष की कामना करनेवालों को एकमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:
2- दो मुखी रुद्राक्ष
समस्त कामनाओं की पूर्ति के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना फायदेमंद होता है. इसे धारण करते वक्त ऊँ नम: मंत्र बोलना चाहिए.
3- तीन मुखी रुद्राक्ष
ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है और इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ क्लीं नम:
4- चार मुखी रुद्राक्ष
धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष पाने की इच्छा रखनेवालों के लिए चार मुखी रुद्राक्ष बेहतर परिणाम देता है. इस रुद्राक्ष को ऊँ ह्रीं नम: मंत्र के साथ धारण करना चाहिए.
5- पांच मुखी रुद्राक्ष
सारी परेशानियों से मुक्ति और मनोवांछित फल पाने के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:
6- छ: मुखी रुद्राक्ष
समस्त पापों से मुक्ति पाने के लिए छ: मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है. इस रुद्राक्ष को ऊँ ह्रीं ह्रुं नम: मंत्र के साथ धारण करना चाहिए.
7- सात मुखी रुद्राक्ष
सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला दरिद्र व्यक्ति भी ऐश्वर्यशाली और संपत्तिशाली होता है. इस रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र है ऊँ हुं नम:
8- आठ मुखी रुद्राक्ष
जो इंसान लंबी आयु पाने की इच्छा रखता है उसे आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ हुं नम:
9- नौ मुखी रुद्राक्ष
अपने जीवन में समस्त कामनाओं की पूर्ति के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष को बाएं हाथ में धारण करना चाहिए और इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ ह्रीं ह्रुं नम:
10- दस मुखी रुद्राक्ष
संतान प्राप्ति की कामना करनेवाले व्यक्ति को दसमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और इसे ऊँ ह्रीं नम: मंत्र के साथ धारण करना चाहिए.
11- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
हर कार्य हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ ह्रीं ह्रुं नम:
12- बारह मुखी रुद्राक्ष
किसी बीमारी या रोग से उबरने के लिए बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए यह रोगों में लाभ पहुंचाता है. इस रुद्राक्ष को ऊँ क्रौं क्षौं रौं नम: मंत्र के साथ धारण करना चाहिए.
13- तेरह मुखी
सौभाग्य एवं मंगल की प्राप्ति के लिए तेरह मुखी रुद्राक्ष को उत्तम माना गया है. इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:
14- चौदह मुखी
समस्त पापों के नाश के लिए चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए. इस रुद्राक्ष को ऊँ नम: मंत्र के साथ धारण करना चाहिए. इसके अलावा एक गौरीशंकर रुद्राक्ष भी होता है जो सभी प्रकार के सुखों को प्रदान करने वाला होता है.
ये है रुद्राक्ष धारण करने के फायदे – शिवपुराण के अनुसार हर कोई रुद्राक्ष को धारण कर सकता है. लेकिन जिसमें पिरोने योग्य छेद ना हो, टूटा हुआ हो या फिर जिसे कीड़े ने खा लिया हो उस रुद्राक्ष को धारण नहीं करना चाहिए.
अगर आप भी अपने जीवन की हर बाधा को दूर कर चमत्कारी शक्तियां पाना चाहते हैं तो इस महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर रुद्राक्ष को धारण जरूर करें.