एक “ॐ” आपकी ज़िंदगी इस तरह से बदल सकता है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते !
संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक है ओंकार. दुनिया के सभी मंत्रों का सार है ओमकार. ब्रहमा, विष्णु और महेश का प्रतीक है ओंकार. ओंकार ध्वनी से 100 से भी अधिक अर्थ दिए गए हैं, जो भी ॐ का उच्चारण करता है, उसके आसपास सकारात्मक शक्ति का संचार होता है.
ॐ से निकलने वाली ध्वनि शरीर के सभी चक्रों और हार्मोन के बहाव वाले ग्रंथियों से टकराती है और इन ग्रंथियों के बहाव को नियंत्रित कर बीमारियों को दूर भगाती है.
ॐ तीन अक्षरों से बनता है. “अ” का तात्पर्य है उत्पन्न होना. “ऊ” का तात्पर्य है उठना, विकास होना. और “म” का तात्पर्य है मौन हो जाना. अर्थात ब्रम्ह में लीन हो जाना. इन तीनों ध्वनी से बने “ॐ” हमारे शरीर के पूरे हिस्से पर प्रभाव डालता है.
“अ” ध्वनि का प्रभाव हमारे शरीर के नाभि मंडल पर, “ऊ” ध्वनि का प्रभाव पूरी हृदय पर और “म” ध्वनि का प्रभाव हमारे पूरे मस्तिष्क पर पड़ता है.
ॐ का उच्चारण हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है.
1 – थायराइड
ॐ के उच्चारण से गले में कंपन पैदा होती है, जो थायराइड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और रोज सुबह लगातार 5 मिनट ॐ का उच्चारण करने सेे हमें इस बीमारी से छुटकारा मिलता है.
2 – तनाव से मुक्ति
शरीर के विषैले तत्वों को दूर करने में काफी सहायक सिद्ध होता है. अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्य पर नियंत्रण करता है. और हमें तनाव से मुक्ति दिलाने में सहायक सिद्ध होता है.
3 – खून का प्रवाह
ॐ के उच्चारण से खून के प्रभाव को संतुलित रखने में सहायता मिलती है. जिससे उच्च रक्तचाप और हृदय की सारी परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
4 – घबराहट
ॐ के उच्चारण से हमारा चित्त शांत होता है, और घबराहट दूर हो जाती है.
5 – पाचन शक्ति बढ़ाता है
लगातार ॐ के उच्चारण से हमारा पाचन शक्ति काफी मजबूत हो जाता है.
6 – स्फूर्ति
अगर आप थकान महसूस करें तो शांत चित्त, शांत मन से बैठकर 9 – 10 बार ॐ का उच्चारण करना काफी लाभकारी होगा. इससे शरीर को फुर्ती और ताजगी मिलती है.
7 – नींद ना आने की समस्या
अगर आपके दिमाग में किसी तरह की कोई बात चल रही है, किसी तरह कि कोई परेशानी हो, जिसकी वजह से आपको नींद नहीं आ रही हो. तो ऐसे में मन ही मन ॐ का उच्चारण करना काफी लाभदायक सिद्ध होता है. और अच्छी नींद आ जाती है.
8 – फेफड़े की बीमारियों मे सहायक
कुछ विशेष प्रकार के प्रणायाम के साथ ॐ का उच्चारण करना फेफड़े को मजबूती देने में काफी सहायक सिद्ध होता है. अगर आपको फेफड़े से रिलेटेड किसी तरह की परेशानी है, जल्दी से सांस निकालते हुए “ॐ” का उच्चारण करना चाहिए.
9 – रीड की हड्डी को मजबूती प्रदान करती है
लगातार ॐ का उच्चारण करने से शरीर में कंपन पैदा होती है, और इस कंपन से रीड की हड्डी प्रवाहित होती है, जिससे इसकी क्षमता बढ़ जाती है, और हड्डी को मजबूती मिलती है.
ॐ का पूरा व्याख्यान करना आसान नहीं, ॐ के रहस्यों की कोई सीमा नहीं, ॐ का ना तो शुरुआत है और ना हीं अंत.
ॐ की खासियतों को देखते और समझते हुए हर व्यक्ति को अपने जीवन के दिनचर्या में ॐ को निश्चित तौर पर शामिल कर लेना चाहिए, यानि की हर रोज समय निकाल कर शांत चित्त और मन से 10-15 मिनट ॐ का उच्चारण करना काफी फायदेमंद होता है. विज्ञान के साथ प्रगतिशील इस ज़िन्दगी में हमें विज्ञान ने अगर बहुत कुछ दिया है तो हमसे बहुत कुछ छीन भी लिया है, इस बात से हर कोई वाकीफ है. इसलिए हम इसके ऊपर ज़्यादा चर्चा नही करेंगे. सिर्फ इतना ज़रूर कहना चाहेंगे की आज के इस दौड़ में हमारे ज़िन्दगी की कोई अहमियत नहीं रह गई है, बीमारी तो जैसे हमारे जीवन का हिस्सा ही बन गया है.
ऐसे में हम ईश्वर के दिए इस नायब तोहफे यानि की ॐ की मदद से अपनी ज़िन्दगी को खुशहाल और सुखमय बना सकते हैं.