धर्म और भाग्य

क्‍यों मनाते हैं नागपंचमी, मिलता है यह लाभ

नागपंचमी का त्यौहार – भगवान शिव स्‍वयं नाग धारण करते हैं और इसी वजह से हिंदू धर्म में नागों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में सांप को दैवीय जीव के रूप में माना गया है और प्राचीन काल से ही नागपंचमी के दिन सांपों की पूजा की जाती रही है।

नागपंचमी का त्यौहार मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं।

इस बार नागपंचमी का त्‍योहार 15 अगस्‍त को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस त्‍योहार से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में…

प्राचीन काल से ही हिंदुओं के आराध्‍य देवताओं का सांपों के प्रति विशेष लगाव रहा है। शेषनाग पर लेटे हुए भगवान विष्‍णु भी पूजनीय हैं और स्‍वयं भगवान शिव भी अपने गले में सर्प धारण करते हैं। मां पार्वती के मंदिरों में भी नागों की भी पूजा होती है। मां दुर्गा के प्रारंभिक स्‍वरूप में भी नागों की पूजा की जाती है।

सावन में नागपंचमी

हर साल सावन के महीने में शुक्‍ल पक्ष की पंचम तिथि को नागपंचमी को त्‍योहार मनाया जाता है। जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि इस बार नापंगचमी 15 अगस्‍त को मनाई जाएगी।

पाताल लोक के स्‍वामी हैं

पौराणिक कथाओं के अनुसार नाग देवता को पाताल लोक का स्‍वामी कहा गया है। नागपंचमी के दिन सर्पों की देवी मनसा देवी की पूजा होती है। दक्षिण भारत में हिमालय श्रृंख्‍ला के शिवालिक पर्वत पर मनसा देवी का‍ विशाल मंदिर स्थित है।

माना जाता है कि भगवान शिव के अंश से ही मनसा देवी की उत्‍पत्ति हुई थी। इन्‍हें नाग समुदाय की देवी और नागराज वासु‍कि की बहन भी माना जाता है। मान्‍यता है कि नागपंचमी के दिन मनसा देवी की पूजा करने से भक्‍तों की सारी मनोकामनांए पूर्ण होती हैं और नाग दंश का भय भी दूर होता है।

नागपंचमी की पूजा से लाभ

आमतौर पर नगापंचमी के दिन सांपों को दूध पिलाए जाने की प्रथा है। इस दिन नाग देवता की पूजा कर भक्‍त अपने लिए सुख, समृद्धि और सुरक्षा का वरदान मांगते हैं। भारत के अलावा यह त्‍योहार पड़ोसी देश नेपाल में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। कुछ स्‍थानों पर चतुर्थी के दिन भी सांपों की पूजा होती है जिसे नाग चतुर्थी कहा जाता है। सावन के महीने में नाग देवता की पूजा करने और नाग पंचमी के दिन उन्‍हें दूध पिलाने से नाग दंश का भय दूर हो जाता है।

नाग पंचमी के दिन जो व्‍यक्‍ति नाग देवता की पूजा करता है उसका घर अन्‍न और धन के भंडार से भर जाता है। सावन के महीने में नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने का भी बहुत महत्‍व है। भगवान शिच के आशीर्वाद स्‍वरूप नाग पृथ्‍वी को संतुलित करते हुए मानव जीवन की रक्षा करें, इस मान्‍यता के साथ भी यह पर्व मनाया जाता है।

इस तरह हिंदू धर्म में नागपंचमी का त्यौहार का बहुत महत्‍व है और इस दिन बड़ी संख्‍या में मंदिरों और शिवालयों में नाग देवता की पूजा के लिए भक्‍त एकत्रित होते हैं। अगर आपकी भी कोई मनोकामना अधूरी रह गई है तो इस नागपंचमी सर्प देवता की पूजा कर उनसे आशीर्वाद प्राप्‍त कर लें ताकि आपके भी सब दुख दूर हो जाएं।

Parul Rohtagi

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