जब तक वो जिंदा है तब तक ये राज उजागर नहीं होना चाहिए.
ये शब्द थे पाकिस्तान की दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के.
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने अपने एक विश्वस्त को बताया था कि वह अपने जीवन की एक बहुत ही सीक्रेट बात उन्हें बताने जा रही है लेकिन शर्त है कि वे उसे उनके मरने के बाद ही उजागर करेंगे.
हुआ भी वैसा ही.
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के मारे जाने के बाद उनके विश्वस्त ने जो राज खोला उससे उन आरोपों कि पुष्टि हो गई तो अक्सर पाकिस्तान पर लगता रहा है.
पाकिस्तान पर अक्सर ये आरोप लगते रहते हैं कि उसने चीन से हासिल परमाणु तकनीक को चोरी छिपे उत्तर कोरिया को बेचा है.
संयुक्त राष्ट्र संघ ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान द्वारा परमाणु तकनीक बेचने के सबूत भी पाकिस्तान को सौंपे हैं.
लेकिन इस मामले में एक कड़ी ओर भी है. वह है पाकिस्तान की दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो. बेनजीर ने अपने खास राजदार लोगों से इस बारे में चर्चा भी की थी. वह बड़े गर्व के साथ कहती थी कि उनके पिता जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक थे.
लेकिन परमाणु बम को ले जाने के लिए जिस मिसाइल की जरूरत होती है वह पाकिस्तान के पास नहीं थी. उसको पाकिस्तान को दिलाने में बेनजीर भुट्टों ने जो भूमिका अदा की थी उसको उन्होंने अपनी मौत से पहले उजागर किया था.
बेनजीर ने बताया था कि जब पाकिस्तान की प्रधानमंत्री थी तो उस दौरान उत्तर कोरिया ने एक मिसाइल बनाई थी नोडॉन्ग. उत्तर कोरिया के पास मिसाइल थी और पाकिस्तान के पास परमाणु बम बनाने की तकनीक.
उत्तर कोरिया की सरकार पाकिस्तान के परमाणु सीक्रेट चाहती थी. तो इसके बदले में पाकिस्तान को उसकी मिसाइल तकनीक चाहिए थी. दोनों देशों में बात हुई.
बेनजीर उत्तर कोरिया के दौरे पर जाने से पहले अपने खुफिया प्रमुख और वैज्ञानिकों से बात कर परमाणु संवर्धन तकनीक की सीडी बनवाई और उत्तर कोरिया की राजकीय यात्रा के दौरान उसे अपनी जेब में रखकर उत्तर कोरिया ले गईं.
उत्तर कोरिया की सरकार ये जानकर बहुत खुश हुई कि पाकिस्तान की प्रधानमंत्री खुद परमाणु सीक्रेट लेकर उनके यहां आई हैं. उसके बदले उन्होंने बेनजीर को अपनी नोडॉन्ग मिसाइल का डिजाइन दे दिया.
बेनजीर ने अपनी किताब में लिखा है और कहा भी है कि पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया को पैसे देकर नोडॉन्ग मिसाइल का डिजाइन खरीदा था.
गौरतलब है कि दुनिया में राजदूत अक्सर इस प्रकार के कार्य करते हैं. क्योंकि देश में आते समय और जाते समय उनके बैग की तलाशी नहीं होती है.