आजकल कोई भी ख़ूबसूरत बन सकता है.
वो जमाना गया जब यह कहा जाता था कि, भगवान कि देन होती है सुंदरता. आपको जैसा रंग रूप चाहिए वैसे सब आप हासिल कर सकते हो. बशरते आपकी जेब मोटी हो और सहनशीलता काफी हो. तब आप सहज ख़ूबसूरत बनकर सेलीब्रिटी जैसे मशहूर हो पायेंगे.
खुबसूरत कौन नहीं दिखना चाहता, कौन नहीं चाहता की उसे देख कर लोग आहे भरे. बच्चो से लेकर बुजुर्गो तक सभी को सुंदर दिखने की चाह होती है. क्या बूढ़े क्या बच्चे सब इसी रेस में है. सुन्दर व्यक्तित्व कि आशा बचपन से ही मन में उमड़ने लगती है. ख़ास करके यह आशा कुछ दशकों में टूल पकडती दिखाई दे रही है. बच्चे जब खिलौने से खेलते है तो उनके हाथो में आकर्षक खिलौने दिए जाते है. जैसे कन्या को बार्बी डॉल और लड़के को शक्तिमान जैसे खिलौने दिए जाते थे.
समय के साथ कुछ बदलाव भी इस में आते रहे है. बच्चे खिलौने से नफ़रत और टेलीविजन पर कार्टून नेटवर्क के दीवाने हो गए. ऐसे में उनके सामने ख़ूबसूरत एरियल जैसे अनगिनत सुंदर पात्र लाकर रख दिए. इनसे प्रेरित बच्चे धीरे धीरे वैसे ही बर्ताव करने लगे है. आखिर में विडियो, संगणक और मोबाईल गेम्स पर भी ऐसे किरदार उतारे गए है. इनसे होता यह है, बच्चों को समझ नहीं आता की सुंदरता अंदर से होती है ना की शारीरिक दिखावे से. यही एक बड़ी वजह है वो अपने मन पसंदिता पात्र के समान दिखना चाहते है. और आगे चलके वो कॉस्मेटिक सर्जरी करते है. इसका प्रमाण अमेरिका में सबसे जादा पाया जा रहा है, ख़ास करके १३ से 19 आयु के बच्चों में.
जवानी में तो हर एक को हीरो हिरोइन या अपने आयडल जैसा बनना होता है. ऐश्वर्या राय बच्चन जब मिस वर्ल्ड बनी उस वक्त लडकिया ऐसी ही ख़ूबसूरत बनने कि चाह करने लगी. भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिरजा कि सुंदरता को लेकर भी लड़कियों कि ऐसी ही चाह कायम रही है, चाहे वो सेलीब्रिटी दीपिका पादुकोण हो या कटरीना कैफ हो. आम लड़कियां ही नहीं तो खुद नायिका भी अपने आयडल जैसे दिखना पसंद करती है. एक इंटरव्यू में नायिका माधुरी दीक्षित यह कहा था कि वे सुप्रसिद्ध मधुबाला बहुत पसंद है और उनके जैसे दिखने की चाह है. इसलिए वह मधुबाला जैसे अभिनय की झलक दिख ही जाती है, माधुरी दीक्षितने भी सर्जरी किये है उनमे नाक की सर्जरी साफ़ दिखाई देती है.
देखा जाए तो ज्यादा तर फिल्मी सितारों ने आकर्षक बने रहने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी की है. एक सर्जरी से लेकर ७-८ ऐसी सर्जरी किये जाने कि बाते सामने आई है. बात करते है आइटम गर्ल राखी सावंत की. जी सब इनको बेबाक आइटम गर्ल कहते है, जिसने अपने केवल नाक की 2 बार सर्जरी की है. लिप्स की और ब्रेस्ट तक की सर्जरी करायी है.
एक वक़्त प्रसिध्द रह चुकी मिनिषा लाम्बा जिसने अपने कैरियर के ऊपर जितना ध्यान नहीं दिया जितना कि ख़ूबसूरत बनने के लिए कई सर्जरी कराई और असल चहरे से हात धो बैठी
नेशनल आवार्ड विनर रह चुकी अभिनेत्री कंगना रनावत ने भी हिंदी फिल्म जगत में आने के कुछ समय बाद ही अपने लिप्स की सर्जरी करा ली.
खैर यह सब तो पुराणी बाते है श्रीदेवी से लेकर कटरीना कैफ ने सर्जरिस कराई है. हाल ही में लाइम लाईट में रही नायिका अनुष्का शर्मा ने अपनी मुस्कान अधिक सुंदर करने के लिए जॉलाइन की सर्जरी कराइ है.
आप देख सकते हो तस्वीरों में की यह नायिकाये पहले कैसी दिखती थी और अब कैसे दिखती है.
इसमें कोई भी नई बात नहीं जिनके पास अब पैसा है और वो मनोरंजन की दुनिया में जमना चाहता है वे ऐसी अनगिनत सर्जरी करने से भी नहीं कतराते है. यह बात इन तसवीरों से सामने आई है. पर क्या आपने यह कभी सोचा है की यह कॉस्मेटिक सर्जरी से सुंदर और आकर्षक बनते है, पर इस सुंदरता के पीछे कितनी तकलीफ और दर्द इन लोगो को सहना पड़ता होगा. एक बार में सर्जरी ठीक से ना हो तो उसे ठीक करने के लिए और एक बार वही सर्जरी.
यह सर्जरी केवल नाक, होठं, ब्रेस्ट खूबसूरत करने के लिए सिमित नहीं बल्की उजला रंग और स्थायी मेकअप के लिए भी किया जाता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है वैश्विक सुप्रसिद्ध गायक, डांसर मायकल माइकल जैक्सन.
बदलते हुए माइकल के चहरे कि काफी चर्चा होती रही मगर यह तो माइकल ही जानता था कि उसने असल में कितनी सर्जरी की गयी थी. सबसे चर्चित बात माइकल के गोरे निखार की हुई. काले रंग से एकदम श्वेत रंग के पीछे का कारण भी दर्द भरा था. माइकल को एक बिमारी हुई थी जिसमे उसकी त्वचा पर सफ़ेद दाग उमड़ने लगे.
उनको छिपाने के लिए मेकप का सहारा लेता. मगर इस सारी प्रक्रिया में काफी वक़्त रोजाना जाया होने लगा इस कारन माइकल के डॉक्टर कि सलाह पर अपनी त्वचा को पूरी तरह से ब्लीच करके श्वेत रंग अपना लिया. इस वजह से कुछ काल खंड में माइकल को स्किन रोग और एलर्जी से पीड़ित मानिसक तनाव में रहने लगा. वो खुले धूप में तक निकल नहीं सकता है. यहाँ तक कि माइकल कि मौत के वक़्त उसकी जहा जहा सर्जरी की गई वहा बहुत ही बुरी हालत हो गई थी.
इसलिए यह सारे उपाय कुछ हद तक ठीक होते है मगर इनका आदी हो जाना और केवल उपरी सुंदरता से आत्माविश्वास हासिल करना सबसे खतरनाक हो सकता है. यहा तक कि अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाली बात होगी. जहा तक बेहद जरुरी हो वहा तक ही ऐसे सर्जरी कराये अन्यथा आगे परिणाम अच्छे नहीं होगे.
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