धर्म,मज़हब,ईश्वर,भगवान,अल्लाह हमेशा से ही एक संवेदनशील मुद्दा रहा है.
धर्म और भगवान् के नाम पर ना जाने कितने लोगों का खून बहा है, कितनी जाने गयी है और ना जाने कितनी सभ्यताएं,संस्कृति नष्ट हुई है.
लेकिन अगर धर्मग्रंथों की बात की जाए तो गीता हो या रामायण, कुरान हो या बाइबिल किसी में भी ये नहीं लिखा गया कि मज़हब या ईश्वर के नाम पर किसी को नुक्सान पहुँचाया जाए.
हर धर्म शांति का ही सन्देश देता है. लेकिन धर्म को मानने वाले शायद ये भूल जाते है .
हर देश में धर्म के नाम पर संघर्ष होता है,कुछ देश सहिष्णु होते है तो कुछ देश बहुत ही कट्टर. आज हम आपको ऐसे देशों के बारे में बताएँगे जहाँ ईश निंदा को सबसे बड़ा अपराध माना जाता है और ईश निंदा की सजा होती है मौत.
ईरान
पिछले कुछ सालों में इस देश में धार्मिक कट्टरता पागलपन की हद तक बढ़ गयी है. ईश निंदा करने वाले लोगों की सजा शरिया अदालतें जारी करती है. ईश निदा के अपराध में व्यक्ति को सरे आम क्रेन से लटकाकर फांसी की सजा दी जाती है. ये फांसी जनता की मौजूदगी में दी जाती है. जिससे कोई ईशनिंदा का अपराध ना कर सके.
मलेशिया
इस देश में ईश निंदा पर मौत की सजा तो नहीं दी जाती लेकिन यहाँ भी ईश निंदा को लेकर कड़े कानून है. ईश निंदा करने वाले को जेल में बंद किया जाता है. इसके अलावा शारीरिक कष्ट भी दिए जाते है.
नाइजीरिया
इस अफ़्रीकी देश में बोको हरम के आने के बाद से धार्मिक कट्टरपंथ बढ़ गया है. नाइजीरिया में यदि आप मज़हब के खिलाफ या उनके ईश्वर के खिलाफ कुछ भी बोलते है तो आपको गोलियों से भून दिया जाता है.
सऊदी अरब
आज के समय अधिकतर मुस्लिम देश सऊदी अरब का अनुसरण करते है. ऐसे में इस देश में तो ईश निंदा के लिए कड़े कानून होना लाजमी है. वैसे भी सऊदी अरब में महिलाओं और प्रगतिशील विचारकों के लिए सबसे कड़े कानून होते है. यहाँ भी ईश निंदा करने वाले को या कुरान को गलत बताने वाले या उससे छेड़छाड़ करने वाले को बीच बाज़ार में जनता के सामने फांसी दी जाती है.
सोमालिया
ये देश गरीबी और समुद्री लुटेरों की समस्या से सालों से जूझ रहा है. गरीबी से यहाँ हालात बद से बदतर होते जा रहे है. ऐसे में इस्लामिक कट्टरपंथी यहाँ के लोगों को पैसा और सुविधाओं के नाम से बहकाकर अपने संगठनों में शामिल कर रहे है.
आज हालात ये है कि यहाँ भी मज़हबी कट्टरपंथ इतना बढ़ गया है कि ईश निंदा करने वाले के लिए एक ही सजा है और वो है मौत.
सूडान
ये देश सालों से गृहयुद्ध और अन्य समस्याओं से घिरा है. आतंकवाद भी यहाँ पर बुरी तरह फ़ैल चूका है. तस्करी, ड्रग्स,हथियार आतंकी कैम्प आदि के चलते ये अफ़्रीकी देश अपराधियों के लिए स्वर्ग हो चूका है.
अल कायदा का यहाँ शुरू से ही बहुत प्रभाव रहा है. यही वजह है कि यहाँ नास्तिक होना या ईश निंदा करना सबसे बड़ा अपराध माना जाता है.
ये अपराध करने वाले अपराधी को मौत की सजा दी जाती है और ये मौत भी आसान मौत नहीं होती है. ईश निंदा के अपराधी को चौराहे पर पत्थर मार मार कर मौत के घाट उतार दिया जाता है.
देखा आपने जहाँ आज पूरी दुनिया आगे बढ़ने के लिए दौड़ रही है वहीँ ये इस्लामिक देश इस्लाम के नाम पर लोगों को मौत के घाट उतारे जा रहे है. किसी कुरान में नहीं लिखा गया कि नास्तिक होना गुनाह है फिर भी अपने अपने हिसाब से अर्थ का अनर्थ कर कट्टरपंथी ईशनिंदा करने वाले लोगों को बेरहमी से क़त्ल किये जा रहे है.
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