भीख माँगने का धंधा – फटे हुए कपड़े पहनकर चेहरे पर बेबसी के हाव-भाव लिए ना जाने कितने ही भिखारी देश के हर सिग्नल, चौराहे पर भीख मांगते हुए नजर आते हैं.
इनकी बेबसी और दयनीय हालत को देखते हुए हममे से कई दिलदार लोग अपनी जेब से पैसे निकालकर उन्हें देने पर मजबूर हो जाते हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भीख माँगने का धंधा अब गरीबों की मजबूरी नहीं रही बल्कि ये देश के पढ़े लिखे लोगों का सबसे आसान कमाई का जरिए भी बन गया है.
भीख माँगने का धंधा –
जी हां, साल 2011 में हुए एक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक देश की सड़कों पर घूमनेवाले तकरीबन 3.75 लाख भिखारियों में से करीब 21 फीसदी यानी 75000 भिखारी 12वीं पास हैं. इसके अलावा कई ऐसे भिखारी हैं जिन्होंने बी-टेक या कोई न कोई प्रोफेशनल कोर्स कर रखा है.
दिनभर में एक भिखारी सड़कों पर भीख मांगकर कितना कमा लेता है यह जानने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी का एक ग्रैजुएट अपना हुलिया बदलकर निकल पड़ा दिल्ली की सड़कों पर भीख माँगने का धंधा करने.
यह ग्रैजुएट एक बीपीओ में काम करके महीने के 15 हजार रुपये कमाता है लेकिन जब वो एक भिखारी बनकर दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगने निकला तो महज दो घंटे में इकट्ठा की गई भीख की रकम देखकर वो खुद चौंक गया.
महज दो घंटे में इस लड़के ने भीख मांगकर 200 रुपये कमा लिए. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर एक भिखारी दिनभर में तकरीबन एक हजार रुपये कमा लेता है तो भीख माँगने का धंधा उसे महीने 30 हजार रुपये देता है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के इस छात्र का यह वीडियो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा कि भीख मांगने वाला हर भिखारी हालात से मजबूर या बेबस नहीं होता है बल्कि ये भीख माँगने का धंधा पैसे कमाने के लिए पढ़े लिखे लोगों का यह सबसे आसान जरिया भी बन गया है.