भिखारी मुक्त भारत – दुनिया का शायद ही कोई ऐसा देश हो जिसकी समस्या भिखारी ना हो, क्योंकि हर विकसित और विकासशील देश में आपको भीख मांगते हुए लोग मिल ही जायेंगे.
हालाँकि भिखारियों के हालात सुधारने के लिए समय-समय कई काम किये जाते है लेकिन फिर भी इनकी हालत में कोई सुधार नहीं देखने को मिला है. वैसे तो भीख मांगना एक शर्मनाक काम है जिसमें कई लोग मुसीबतों की वजह से इस पेशे में आ जाते है तो कुछ लोग ऐसे भी होते है जो कामचोर होते है और बिना मेहनत के पैसे कमाने के लिए भिखारी का पेशा अपना लेते है.
आज भीख मांगना भारत जैसे विशाल देश की एक प्रमुख समस्या है. जिससे निजात पाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाये जाते है लेकिन इस समस्या से छुटकारा नहीं मिल रहा है. लेकिन अब भारत के एक शहर में भिखारियों से निपटने के लिए एक अनोखा काम किया जा रहा है.
दरअसल ये पूरा मामला भारत के प्रमुख शहर हैदराबाद का है, यहाँ पर भिखारियों से निपटने के लिए एक अनोखा कार्यक्रम चलाया जा रहा है. ऐसा लगता है हैदराबाद प्रशासन ने शहर को भिखारी मुक्त बनाने की कसम खा ली है तभी तो यहाँ पर एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें भिखारियों का पता बताने वाले को 500 रूपये का ईनाम देने की पेशकश की गई है.
बताया जा रहा है कि तेलंगाना के डीजी वीके सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति हमें किसी भिखारी या उसके बारे में जानकारी देता है तो अगले दिन उसे 500 रूपये का नगद ईनाम दिया जायेगा. इसके अलावा शहर में एक अन्य कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है जिसका नाम ‘विद्यादान कार्यक्रम’ है.
इस कार्यक्रम के तहत भिखारियों को शिक्षा दी जायेगी और उन्हें किसी ना किसी रोजगार से लगाया जाएगा ताकि वे भीख मांगने का पेशा छोड़कर कोई अन्य काम करके अपना गुजारा कर सके.
इस कार्यक्रम के तहत शहर के 6 पेट्रोल पम्प और 6 नए आयुर्वेदिक गाँवों में भिखारियों को रोजगार देने की योजना बनाई गई है. इन भिखारियों को ट्रेनिंग देने के लिए आनंद आश्रम में ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है. बताया जा रहा है कि अब तक 741 पुरुष और 311 महिला भिखारियों को सड़कों पर भीख मांगते हुए पकड़ा जा चूका है. इनमें से लगभग 700 भिखारियों को इस शर्त पर रिहा किया जा चुका है कि वे अब कभी दोबारा भीख नहीं मांगेंगे. पकड़े गए इन भिखारियों में से 265 पुरुष और 70 महिला भिखारियों को प्रशिक्षण के लिए आनंद आश्रम भेजा जा चुका है जहाँ इन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है.
इस अनोखी पहल के पीछे ना सिर्फ शहर को भिखारी मुक्त बनाना है बल्कि उन भिखारियों की जिंदगी को भी सुधारना है. डीजी वीके सिंह का कहना है कि हमारा लक्ष्य सिर्फ इन लोगों को एक बेहतर जीवन प्रदान करना है साथ ही हम उन्हें रोजगार के अवसर भी मुहैया करवाएंगे जिससे वे भीख मांगने जैसे काम में दोबारा ना आ सके. आपको बता दें कि भारत को भिखारी मुक्त बनाने में यंगिस्थान भी अपना अहम योगदान देता रहा है इसलिए हम भी हैदराबाद प्रशासन की इस अनोखी मुहीम के लिए उनकी सराहना करते है.
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