हमारे देश में यूं तो कई समस्याएं हैं लेकिन एक समस्या जो इन दिनों बड़ी समस्या का रूप धारण कर रही है वह हैं भिखारियों की बढ़ती तादाद.
इनकी बढ़ती तादाद अब सड़कों और चौराहों पर समस्या पैदा करने लगी है.
इनके बीच सड़क पर भीख मांगने की आपसी प्रतिस्पर्धा के कारण सड़कों पर अक्सर हादसे भी हो जाते हैं.
इसको देखते हुए पुलिस इनको अधिक भीड़ भाड़ वाले चौराहों और सड़कों से भगा देती हैं.
लेकिन इन भिखारियों ने पुलिस द्वारा सड़कों और चौराहों से भगाने के बाद उसकी काट भी खोज रखी है.
ये भिखारी चौराहों के भगाए जाने के बाद पुलिस से बचने बस अड्डों में पहुंच जाते हैं. यहां से थोड़े थोड़े समय के अंतराल पर बसें चलती हैं. ये भिखारी इन बसों में पहुंच कर वहां एक एक सीट पर जाकर भीख मांगते हैं.
इस दौरान जब तक भीख नहीं मिल जाती तब तक ये भिखारी सीट पर खड़े रहकर सवारी पर दवाब बनाते हैं.
जबकि सड़कों और चौराहों पर लोग इनको इग्नोर करके आगे निकल जाते थे, लेकिन बसों में वे सीट छोड़कर जा नहीं सकते हैं इसलिए मजबूरी वे अपनी सीट से इन भिखारियों को टालने के लिए कुछ रूपए दे देते हैं. बस स्टैंड में खड़ी बसों में जाकर भीख मांगने से एक ओर ये जहां पुलिस से बच जाते हैं तो वहीं दूसरी ओर इनको चौराहों की तुलना में यहां ज्यादा भीख मिल जाती है.
इतना ही नहीं सड़कों पर घूम घूम कर भीख मांगने से भी ये लोग बच जाते हैं. ऐसा करने पर इनको इसमें सड़को और चौराहों के मुकाबले कम मेहनत में अधिक पैसे मिल जाते हैं.
इसके अलावा कुछ भिखारियों ने तो एक अनूठा तरीका भी खोज लिया है. उन्होंने भीख मांगने के लिए बड़े मार्मिक पत्र छपवा रखें हैं जिन पर भिखारी की तसवीर के साथ उसके साथ हुए किसी दर्दनाक हादसे की झूठी कहानी छपी होती हैं.
इस कहानी से द्रवित होकर बस में सवार लोग उस भिखारी हो पैसे देने में संकोच नहीं करते हैं.
भिखारियों का ड्रामा यहीं खत्म नहीं होता हैं. ये चलती बसों में सवार होकर भीख मांगते हैं. इसके लिए ये वे किसी एक स्टैंड से बस में चढ़ते हैं और अपनी बेसुरी आवाज में स्वर बदल बदल कर आपकों हिंदी फिल्मों के सुपरहिट गाने सुनाने लग जाते हैं.
अलग अलग स्टाइल में वे वो आपको दो तीन गानो की कुछ पंक्तियां सुनाएंगे और उसके बाद शुरू हो जांएगे हाथ फैलाकर भीख मांगने. इस पर बस में बैठी सवारी भी ये सोच कर कि खाली भीख मांगने से इसने पांच मिनट बेसुरा ही सही लेकिन कुछ गा कर उनका मनोरंजन किया हैं चलों इसको दो चार रूपए दे ही देते हैं.
पुलिस से बचने का ये तरीका सफल हुआ है – ऐसा कर ये भिखारी एक बस से 20 से 25 रूपए मात्र 10 मिनट में कमा लेता है. असके बाद अगले स्टेशन पर उतर कर दूसरी ओर से आने वाली बस में सवार हो कर इसी प्रकार गाना गा भीख मांगते हुए फिर उसी बस स्टैंड पर पहुंच जाता है.
वहां पहुंचकर वह फिर वहीं क्रम दोहराता है. ऐसा कर जहां उसे एक दिन में दो से तीन सौ रूपए बिना कोई मजदूरी करे मिल जाते हैं वहीं वह पुलिस से भी बच जाता है.
ये है पुलिस से बचने का तरीका !
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