संस्कृत टीचर – संस्कृत जिसे सभी भाषाओँ की जननी माना जाता है।
यह भारतीय एपिक भाषा और देवभाषा भी हैं।भारत में तमिल भाषा को छोड़ कर संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की जननी मानी जाती है क्योंकि सारी भारतीय भाषाओं के अधिकतम शब्दकोश या तो संस्कृत से लिए गए हैं या बहुत अधिक प्रेरित है। इसके अलावा कई विदेशी भाषाओं में भी संस्कृत के शब्द देखने को मिलते हैं।
विज्ञान और रिसर्च के क्षेत्र में संस्कृत के महत्व को लेकर बात करें तो नासा ने भी इस बात को माना है कि, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग करने के लिए संस्कृत सबसे उपयुक्त भाषा है।
संस्कृत की खूबियों को देखते हुए कोई भी इसे पढ़ना चाहेगा, और अगर ऐसे में संस्कृत में ही करियर बन जाए तो सोने पे सुहागा । वैसे भी जब से विदेशों ने संस्कृत का महत्व समझा है, तब से उन्होंने संस्कृत के शिक्षण पर जोर दिया है। आज अनेक देश संस्कृत को अपने पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा मान रहे हैं। ऐसे में रोजगार को लेकर विदेशों जिसमें ख़ास तौर पर जर्मनी में कई प्रकार की संभावनाए बढ़ी है।
तो आज आपको बताते हैं कि अगर विदेशों में संस्कृत टीचर बनना हो तो क्या करना होगा।
- सबसे पहले 12वीं करें, 12 वीं में जो भी सब्जेक्ट चुने उसमे संस्कृत का सब्जेक्ट जरूर चुने। अगर आप 60 प्रतिशत अंकों के साथ हायर सेकेंडरी पास करते है, तो आपके लिए ज्यादा अच्छा होगा।
- हायर सेकेंडरी पास करने के बाद आप ‘बी.ए’ कोर्स जिसे संस्कृत में शास्त्री कहा जाता है, इस कोर्स में एडमिशन ले। यह तीन वर्षीय कोर्स करने के बाद आपको स्नातक यानी ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त होगी।
- ‘बी.ए’ के बाद ‘एम.ए’ करने की जरूरत होती है, जिसे संस्कृत में ‘आचार्य’कहा जाता है। ग्रेजुएशन करने के बाद यह दो वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है, इस डिग्री को करते ही आपके नाम से पहले “आचार्य” जो सम्मानजनक शब्द है, वह भी जुड़ जाता है।
आचार्य की डिग्री लेने के साथ ही उम्मीदवार के सामने बहुत सारे रास्ते खुल जाते हैं, लेकिन अगर आप विदेश में पढ़ाना चाहते है तो इसके लिए आपको वहां की मूल भाषा का ज्ञान होना भी उतना ही आवश्यक है।इसके लिए आप संवंधित लैंग्वेज कोर्स कर सकते हैं।
भारत में 16 यूनिवर्सिटी संस्कृत से एम.ए कराने में आपकी मदद कर सकती है संस्कृत टीचर बनने के लिए, उनमे से कुछ यूनिवर्सिटी के नाम है-
- सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, बनारस
- राष्ट्रीय संस्कृत विद्या पीठ, तिरुपति
- श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली
- राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली
- नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय, नेपाल
- महर्षि पाणीनी वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन
- कर्णाटक संस्कृत विश्वविद्यालय, बंगलौर
- उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार
- श्री सोमनाथ संस्कृत यूनिवर्सिटी, गुजरात
इन भारतीय यूनिवर्सिटी के अलावा अगर आप विदेशों में ही पढ़ना चाहते हैं, तो ये यूनिवर्सिटी भी संस्कृत के अलग-अलग कोर्स ऑफर करती है-
- ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग, यू.के
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड, यू.के
- नारोपा यूनिवर्सिटी ऑफ़ यू.एस.ए
तो यंगिस्थान.इन की यह पोस्ट एक महान भारतीय भाषा संस्कृत टीचर बनने का आपका सपना पूरा कर सकती है, बस अब आपके खुद निर्णय लेने की देरी है।