चिड़िया की प्रजाति – गौरैया एक ऐसी चिड़िया है जो देखने में तो सुंदर लगती ही है. साथ में इसके आने से घर में सबकुछ अच्छा होता है.
लोग कहते हैं कि जिस घर में गौरैया का वास होता है वहां पर कभी भी दुःख और तकलीफ नहीं आती. ये नन्हीं सी गिरिया अब विलुप होती आ रही है. इसका सबसे बड़ा कारण पर्यावरण को बताया जा रहा है.
आमतौर पर ये एक ऐसी पंछी है जिसे घर में रहना पसंद है. ये बहुत ज्यादा पेड़ों पर नहीं रह पातीं. गाँव के घरों में गौरैया का बहुत घोंसला देखने को मिलता है, लेकिन अब अपने घरों से गिरिया का घोसला लोग नष्ट कर देते हैं.
ऐसे में ये चिड़िया की प्रजाति जो ख़त्म हो रही है – चिड़िया अब विलुप्त होती जा रही है.
ब्रिटेन की ‘रॉयल सोसायटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ बर्डस’ ने भारत से लेकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययनों के आधार पर गौरैया को ‘रेड लिस्ट’ में डाला है.
आंध्र विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक गौरैया की आबादी में करीब 60 फीसदी की कमी आई है. गाँव और शहर दोनों जहाँ ये क्षति हुई है.
पक्षी विज्ञानी के अनुसार गौरैया को फिर से बुलाने के लिए लोगों को अपने घरों में कुछ ऐसे स्थान उपलब्ध कराने चाहिए जहां वे आसानी से अपने घोंसले बना सकें और उनके अंडे तथा बच्चे हमलावर पक्षियों से सुरक्षित रह सकें.
उनका मानना है कि गौरैया की आबादी में ह्रास का एक बड़ा कारण यह भी है कि कई बार उनके घोंसले सुरक्षित जगहों पर न होने के कारण कौए जैसे हमलावर पक्षी उनके अंडों तथा बच्चों को खा जाते हैं.
अगर लोग अपने घरों में फिर से गौरैया को जगह देने लगें तो इनकी संख्या बढ़ सकती है.
भारत में आमतौर पर इस रंग की गौरैया पायी जाती है. आपने आँगन में ये फुदकती रहती है. लेकिन शहरों में अब ये न के बराबर हैं.
रंगीन गौरैया दुनिया के अलग अलग देशों में पायी जाती हैं.
गौरैया देखने में बहुत छोटी, लेकिन उतनी ही सुंदर होती हैं. ये किसी तरह का नुक्सान नहीं पहुँचतीं.
गौरैया अगर इस दुनिया से ख़त्म हो जाएगी तो आपकी आने वाली पीढ़ी इस ख़ास पक्षी को केवल फोटो में ही देख पाएंगे.
इसलिए आप भी चिड़िया की प्रजाति को जिंदा रखने की कोशिश करें. गाँव हो या शहर हर जगह इनके लिए एक जगह दें ताकि ये अपना घोंसला बना सकें.