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खुशनुमा स्वभाव अपनाकर बीमारियों को रखें दूर

आए दिन बीमारियां बढ़ रही है.

ऐसा कोई इंसान नहीं जिसे किसी बिमारी ने गले नहीं लगाया होगा.

पहले जमाने में बहुत कम बीमारियां होती थी. मधुमेह और हायपर टेंशन जैसे बीमारियां तब केवल अमीर लोगो को होती थी. उस समय लोगो की उम्र भी अधिक और तंदरुस्त रहती थी.

अब ऐसा क्या हुआ है, जिस कारण लोग हर कोई बीमारियों के चपेट में आ रहा है. जबक़ी आज के जमाने में सारी सुविधाये मौजूद है. विभिन्न प्रकार की बीमारियों पर इलाज है. दुनिया चाहे कितनी भी आधुनिक हो जाऐ, लेकिन अगर आपको बीमारियों से दूर रहना है तो स्ट्रेस को दूर रखना होगा.

अधिक बड़ी बीमारियों का कारण स्ट्रेस है, जो  शरीर और मानसीक रोगों को आमंत्रण देता है.

स्ट्रेस होने का कारण?
सबसे महत्वपूर्ण बात यही है कि जीवन शैली बदल गई है. जीवन में दौड़ भाग बढ़ गई है, यह एक बड़ी वजह है अनचाहे तरीके से स्ट्रेस धीरे धीरे बीमारी का रूप लेता है.

ये उपाय करके स्ट्रेस कम किया जा सकता है. oxidative स्ट्रेस है, जो कि फिजियोलॉजी स्ट्रेस से जुड़ा है. स्ट्रेस यानी तनाव जो शरीर और दिमाग दोनों पर बराबर अपनी बिमारियों का जाल डालता है.

तनाव से कौन सी बीमारियां होती है?
1. हायपरटेंशन 
तनाव में रक्तचाप पर सीधा असर पड़ता है. रक्तचाप (BP) या तो बेहद कम हो सकता है, या फिर अधिक.
जिससे दिल का दौरा पड़ना स्वभाविक है. हायपरटेंशन में मशतिष्क पर भी असर होता है और वहा की बेहद नाजुक नसो के फटने से ज्यादा तर ख़तरा होता है.

2. मधुमेह (डैबेटिस)
जीवन में तनाव इतना बढ़ गया है कि इसका असर सबके जीवन पर हो रहा है. परिणाम अधिक मीठे से नहीं बलकी ज्यादा तनाव के कारण मधुमेह बढ़ गया है.

3. महिलाओं पर तनाव का अधिक असर
महिलाएं ज्यादा भावुक और शारीरिक रूप से पुरषों के मुकाबले कमजोर होती है. इस लिए तनाव का असर महिलाओं पर तुरंत होता है.
मेंस्ट्राल और मेनो पोझल से गुजरना पड़ता है. मेंस्ट्राल में मासिक चक्र गड़बड़ा जता है साथ में ख़ून अधिक बहने के आसार होते है.
मेनो पोझल में मासिक चक्र बंद होता है और तनाव के चलते कभी 10 से 15 दिन खून का बहाव हो सकता है. 
पूरी तरह बंद होने पर भी स्ट्रेस के असर इससे शुरू में निर्माण होते है.

स्ट्रेस क्यों बढ़ रहा है?
पहले ज़माने में अधिक काम लोग खुद करते थे. उस वक़्त तो बहुत काम रहता था क्यों कि सबके बडे परिवार होते थे. शारीरिक मेहनत ज्यादा होती थी क्योंकि वाहन कम थे, खेतों में अधिक काम होता था. खाना पीना एकदम सादा और सेहत से भरपूर रहता था. लेकिन जैसे जैसे जमाना बदल रहा है, वैसे जीवन शैली में काफी बदलाब आए है. सारी सुविधाए होने के कारण लोगो की शारीरिक गतविधियां कम हो गई है.
साथ में अधिक भाग दौड़ के कारण परिवार को वक़्त नहीं दे पा रहे. काम का बोझ और राजनीति के चलते तनाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है और आज के जीवन का वह एक अंग बन गया है.

तनाव को दूर कैसे रखे?
अगर दिनचर्या पूरी टाईट है. तो कम से कम एक वक़्त परिवार के साथ मिल बैठकर खाना खाऐं. छुट्टी के दिन परिवार के साथ घर का थोडा काम करे. गार्डेनिंग एक सबसे मज़ेदार काम है, इसे भी आप कर सकते है. गुस्सा जब भी आए उसे सर पर ना चढ़ने दे.
हमेशा मुशकुराईए जिससे आपको देखने वाले भी खुश रहेंगे.

काम को प्लान करके निपटाइए, अगर कुछ आगे पीछे हो जाए तो सामंजस्य तरीके से उसका सामना करे.

व्यस्त दिन चर्रया से वक़्त निकाल कर दोस्तों से या परिजनो से बात करे.

जितना आप सकारात्मक रहेंगे उतना कम स्ट्रेस आपको होगा.

बहुत कुछ नहीं बस आपको काम और जीवन में चीज़ों का महत्त्व समझ आ जाए. तब आपका जीवन सरल हो जाएगा और खुशनुमा स्वभाव हो जाएगा.

जब आपकी स्टाइल खुशनुमा हो जाएगी तब ऊपर बताई बीमारियों से आप बच जाओगे.

इसलिए अगर स्वस्थ रहना है तो खुश रहिए.

Neelam Burde

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Neelam Burde

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