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श्री लंका में बौद्ध और मुस्लिम समुदाय के बीच फ़साद की वजह है ये

बौद्ध और मुस्लिम समुदाय

बौद्ध और मुस्लिम समुदाय – दुनियाभर में बहुत से धर्म है और हर धर्म की अपनी मान्यता और परंपराएं है जिस वजह से दो धर्मो के बीच मतभेद आम बात है। क्योंकि कुछ चीजें एक धर्म में सही  माना जाता है तो एक धर्म में गलत और किसी चीज को सही ओर गलत बताने के लिए इन धर्मों के अपने तथ्य और विचारधाराएं होती है ।

इन सब में एक धर्म ऐसा भी है जिसके नियम कानून किसी ओर धर्म से न मेल खाते हैं और न ही खिलाफ है।

बौद्ध और मुस्लिम समुदाय

हम बात कर रहे बौद्ध धर्म की जिसकी स्थापना गौतम बुद्ध ने की  । संसार में ये एक लौता धर्म है जिसे शांति, अहिंसा के गुणों से जाना जाता है। बौद्ध धर्म में किसी की हत्या करना, किसी के साथ दुरव्यवहार पाप के समान है। लेकिन जो इन दिनों श्री लंका में देखने को मिल रहा है। उसे देखकर बौद्ध धर्म की गरिमा को ठेस पहुंच सकती है।

दरअसल इन दिनों श्री लंका में कट्टर बौद्ध और मुस्लिम समुदाय के बीच सांप्रदायिकता की आग भङक रही है। जिसकी आग में धीरे-  धीरे पूरा देश जल रहा है। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि यहां बौद्ध और मुस्लिम समुदाय के बीच इस पहले फ़साद नही हुआ । लेकिन अब जो हो रहा है उसमें लोगों की विचारधारा पर भी असर डालना शुरू कर दिया । लेकिन सबसे पहले सवाल उठता है कि इस फसाद की शुरुआत कहा से हुई ।

इस विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब गाॅल में एक मुस्लिम लङके ने एक बौद्ध धर्म की महिला को गाङी से टक्कर मार दी।

इस बात को एक एक्सीडेंट बताने की बजाय इससे बौद्ध और मुस्लिम समुदाय  का विवाद पेश किया गया। इसक  बाद महिला ने मुस्लिम समुदाय पर आरोप भी लगाए की वो बौद्ध धर्म के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। जिस वजह इस विवाद को आग मिली और इसकी लपटें धीरे – धीरे सब जगह फैलने लगी । गाॅल में पुलिस ने संप्रादायिक दंगे भङकाने के जुर्म में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। बौद्ध धर्म के लोगों ने मुस्लिम समुदाय पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का भी आरोप लगाया है।

पिछले दो महीनों के अंदर श्रीलंका में 20 से ज्यादा संप्रदायिक मामले सामने आए हैं। जिसमें कुछ बौद्ध धर्म के लोगों ने कई मुस्लिम समुदाय के करोबारियो की मील, फैक्ट्री और दुकान में तोङफोङ कर आग लगाई । बौद्ध धर्म के लोग के आक्रोश का सबसे बङा कारण मुस्लिम समुदाय में परंपराओं के नाम पर होने वाली पशुओं की हत्या है। लेकिन बौद्ध धर्म के लोग ये भुल रहे हैं कि उनके धर्म में अहिंसा पाप मान जाता है और अहिंसा करके वो भी वही चीज कर रहे हैं जो दुसरा समुदाय पशुओ के साथ कर रहा है।

वैसे आपको बता दें सिर्फ श्री लंका की मे ही नही म्यांमार में भी बौद्ध और मुस्लिम समुदाय के बीच संप्रदायिक दंगो की आग देखने को मिल चुकी है। जिसका की वजह से हजारों रोंहिग्या मुसलमानों को पलायन करना पङा ।