क्रिकेटरों का सन्यास – क्रिकेट का खेल खिलाड़ियों के लिए भी उतना ही दिलचस्प रहता हैं जितना दर्शकों के लिए। यही खेल खेलकर खिलाड़ी बन जाते हैं वहीं यही खेल कब खिलाड़ी को मैदान के बाहर बैठा दे इसकी कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता। इसलिए तो इसे संभावनाओं का खेल कहते हैं। ऐसी संभावनाएं जो कभी भी कुछ भी करा सकता हैं।
खेल में एक खिलाड़ी जबतक ही चमकता हैं जबतक उसका बल्ला चलता हैं वहीं जब उसका बल्ला चलना बंद हो जाए तो उस खिलाड़ी की मौजूदगी मैदान में क्रिकेट प्रेमियों को चुभने लगती हैं।
आज ही ऐसे ही दो खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जिनके सितारे अभी अंधकार में नजर आ रहा हैं।
अब हालात ऐसे हो गए हैं कि इन क्रिकेटरों का सन्यास लगभग तय है और वे कभी भी घोषणा कर सकते हैं।
क्रिकेटरों का सन्यास –
- गौतम गंभीर- गौतम अपने कैरियर को लेकर जितने गंभीर हैं वहीं उनके भविष्य को लेकर क्रिकेट टीम के चयनकर्ता गंभीर नहीं दिख रहे। उन्हें लगातार मैदान से दूर रखना अब इशारा कर करा है कि उन्हें सन्यास ले लेना चाहिए। भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री और कप्तान कोहली जिस तरह से कुछ चुनिंदा युवा खिलाड़ियों पर लागातार भरोसा दिखा रहे हैं, उससे साफ हैं कि अब वो टीम में सिर्फ युवाओं को ही मौका देना चाहते हैं।
गंभीर ने हमेशा ही टीम के लिए खेला लेकिन अब उनके पास सन्यास की घोषणा के अलावा कोई अन्य ऑप्शन नहीं लग रहा है। देश के लिए उन्होंने जो किया उसमें एक कदम और आगे बढ़े और सन्यास दे दें। सीनियर खिलाड़ी का सन्यास देना टीम के लिए सबसे बड़ा योगदान है।
- युवराज सिंह- इस साल के शुरुआत में लगभग तीन साल बाद फिर से मैदान में बल्ला पकड़ने वाले युवराज सिंह को जल्दी ही वापस मैदान के बाहर का रास्ता सिलेक्शन कमेटी ने दिखा दिया।
इसके बाद फिर से उनके क्रिकेट कैरियर पर सवाल खड़े हो गए। एक के बाद एक मैच में उन्हें बाहर बैठा देना साफ इशारा कर रहा हैं कि अब टीम सिर्फ युवराज को खींच रही हैं। ऐसे में सीनियर खिलाड़ी होने के नाते युवराज को ही एक कदम आगे बढ़कर अपने सन्यास की घोषणा कर देना चाहिए।
श्रीलंका में टीम से बाहर का रास्ता दिखाने पर सिलेक्शन कमेटी कहा था कि उन्हें रेस्ट दिया गया हैं लेकिन उसके बाद के कई मैचों में उन्हें बाहर दिखाने पर कोई बयानबाजी नहीं हुई। न तो किसी खिलाड़ी ने इस बारे में कुछ बोला न ही किसी सिलेक्शन खिलाड़ी के सदस्य ने।
अब इन क्रिकेटरों का सन्यास लगभग तय है.
अब आगे क्या- खुद को साबित करने के लिए दोनों ही खिलाड़ियों को वैसे कई मौके दिए गए। इस सभी में दोनों ने कुछ खास कमाल नहीं किया जिसके बाद फिर से इन्हें रेस्ट के नाम पर मैदान के बाहर दिखा दिया।
विश्वकप के लिए जिस तरह से रवि शास्त्री और विराट रणनीति बना रहे हैं उससे साफ हैं कि इन दोनों के कैरियर पर अब विराम लग गया हैं। अब तो जरुरत यह हैं कि एक अच्छा सा मूहर्त देख अपने सन्यास की घोषणा कर देनी चाहिए। इसी में खुद इन खिलाड़ियों और टीम की भलाई हैं।