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ये 7 हथियार इतने खतरनाक है कि इनका उपयोग युद्ध में भी करना गैरकानूनी है!

हथियार वो भी युद्ध में गैरकानूनी ?

आप कहेंगे क्या मजाक करते हो युद्ध में भी क्या कुछ कानूनी गैरकानूनी होता है?

जी हां बिलकुल होता है. समय समय पर सभी देश मिलकर युद्ध सम्बन्धी कुछ नियम बनाते है और उन नियमों को हर देश मानता है. इन नियमों में सबसे महत्वपूर्ण है हथियारों का प्रयोग.

बन्दूक, टैंक, लांचर ये सब तो आम हथियार है, लेकिन कुछ हथियार ऐसे है जिनका उपयोग अमानवीय समझा जाता है. इस श्रेणी में अधिकतर रासायनिक और जैविक हथियार आते है.

ये वो हथियार है जिनके उपयोग से दुश्मन को बिना पता चले ही उसे खत्म कर किया जा सकता है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ हथियारों के बारे में बताएँगे जिनका उपयोग युद्ध में वर्जित माना जाता है या उनका उपयोग अतिविशिष्ट परिस्थिति में ही किया जा सकता है.

1.  मस्टर्ड गैस 

सरसों जैसे रंग और खुशबू की वजह से इस गैस को मस्टर्ड गैस कहा जाता है.

इस गैस का असर इतना खतरनाक होता है कि सांस के साथ अंदर जाने पर ये गैस सीधा फेफड़ों पर प्रभाव डालती है. हवा से भरी होने के कारण ये सांस के साथ बाहर नहीं निकल पाती और फिर फेफड़ों में पानी भरने की वजह से इन्सान मर जाता है.

2.  फोस्जीन गैस 

ये मस्टर्ड गैस से भी खतरनाक होती है.

इसे बड़ी मात्रा में बनाना आसान होता है और सबसे बड़ी बात इसे पहचानना लगभग असम्भव होता है. ये गैस रंगहीन, गंधहीन होती है. ये गैस फेफड़ों में भरने के बाद फेफड़ों की कार्य क्षमता को बंद कर देती है जिससे व्यक्ति ऑक्सीजन नहीं खींच पाता और थोड़ी देर में दम घुटने से मर जाता है.

3.  प्लास्टिक लैंडमाइन

इस हथियार की सबसे बड़ी बात ये है कि इसका पता नहीं लगाया जा सकता.

प्लास्टिक को किसी भी डिटेक्टर से पकड़ा नहीं जा सकता. युद्ध के बाद भी लम्बे समय तक ये लैंड माइन जिंदा रहती है और हल्का सा दबाव पड़ते ही फट जाती है. पूर्व में प्लास्टिक लैंड माइन के उपयोग से बहुत बार युद्ध खत्म होने के बाद भी मासूम लोगों की जान गयी है. इसलिए युद्ध में इस प्रकार की माइन का उपयोग निषेध किया गया है.

4.  जैविक हथियार 

रासायनिक गैस से भी खतरनाक होते है जैविक हथियार. सबसे पुराने हथियारों में से एक है जैविक हथियार.

मिस्र और मंगोल में लाशों को खुले में सड़ने को छोड़ दिया जाता था और उसके बाद उन्हें दुश्मनों के खेमे में फेंक दिया जाता था. तरह तरह के वायरस बीमारियाँ फैलाकर सैनिकों को मार देते थे. जैविक हथियारों के उपयोग पर पूरे विश्व में प्रतिबन्ध है. कहा तो ये भी जाता है के काला प्लेग भी जैविक हथियारों का ही नतीजा था.

5.  नापाम

इस हथियार का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं है.

लेकिन अगर युद्ध क्षेत्र के पास आबादी वाले क्षेत्र है तो नापाम का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है. आबादी वाले क्षेत्र में इस प्रतिबंधित करने का फैसला वियतनाम युद्ध के बाद लिया गया. नापम एक आग का जलजला होता है जो धीरे धीरे फैलता हुआ आस पास के पूरे इलाके को खत्म कर देता है.

6.  ज़हरीली गोलियां

पुराने समय में गोलियों के आगे जहर लगाया जाता था. जिससे यदि निशाना चूक भी जाए और गोली शरीर के किसी हिस्से से रगड़ कर भी चली जाए तो भी दुश्मन की मौत हो जाए. इस तरह की गोलियों पर बहुत समय पहले प्रतिबन्ध लगा दिया गया था.

7.  रेडियोएक्टिव हथियार 

ये हथियार या बम सबसे खतरनाक होते है.

फिर भी समय समय पर ख़बरें आती रहती है कि दुनिया का हर शक्तिशाली देश चोरी छुपे इन हथियारों का परिक्षण करता है. इन हथियारों की सबसे खतरनाक बात ये है कि जिस स्थान पर इस हथियार का उपयोग किया जाता है उस स्थान से ये ना सिर्फ पूरी आबादी को खत्म कर देते है बल्कि उस स्थान को रहने लायक भी नहीं छोड़ते.

इसका मतलब है कि बम का उपयोग करने वाला भी कभी अपने जीते हुए स्थान पर नहीं जा सकता.

तो देखा आपने ये थे दुनिया  के कुछ ऐसे हथियार जिनका उपयोग युद्ध में करना मना है. इनके उपयोग का प्रतिबंधित होने की वजह इन हथियारों का अमानवीय होना है.

वैसे इनके अलावा कुछ ऐसे हथियार भी है जिनका उपयोग पुलिस द्वारा या आम लोगों द्वारा साधारण परिस्थितियों में किया जा सकता है, लेकिन युद्ध में नहीं.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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