अल्लाह नजर बलोच वह शख्स है जिसने पूरी पाकिस्तानी फौज की नाक में दम कर रखा है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और सेना उसको सरगरमी से तलाश रही हैं लेकिन उस तक पहुंचने में वे नाकाम हैं।
पेशे से बलूची डॉक्टर अल्लाह नजर देखने में बहुत ही पतला दुबला इंसान है। लेकिन इन दिनों वो सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट के स्थान पर हाथों में एके 47 टांगे घूम रहा है।
बलूची डॉक्टर अल्लाह नजर बलोच पहली बार उस वक्त सुर्खियों में आया जब उसने ग्वादर पोर्ट पर काम रहे 3 चीनी नागरिकों की हत्या कर दी।
बतातें चलें कि बलूची डॉक्टर अल्लाह नजर उन लोगों में से हैं जो पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई लड़ रहें हैं. अल्लाह नजर ने बलूचिस्तान की आजादी के लिए बलूचिस्तान लिबेरशन फ्रंट बना रखा है।
उनके इस फ्रंट में हथियारों से लैस लोग भी शामिल हैं। जो आजादी और पाकिस्तानी सेना की ज्यादती के विरोध में मुहिम छेड़े हुए है।
बलूची डॉक्टर अल्लाह नजर बलोच 1989 में डॉक्टरी की शिक्षा लेने के बाद क्वेटा के बोलन मेडिकल कॉलेज से जुड़ गए। लेकिन पाकिस्तानी सेना द्वारा बलोचों को प्रताड़ित किए जाने को लेकर उसने विरोध किया तो एक रात पुलिस ने अल्लाह नजर को ही उठा लिया।
पाकिस्तानी पुलिस ने उनकों एक अज्ञात स्थान पर ले जाकर खूब टार्चर किया। महीनों तक यातनाएं सहकर भी अल्लाह नजर ने बलूचों की आजादी की मांग नहीं छोड़ी।
बलूच जनता के भारी विरोध और दवाब के बाद जब अल्लाह नजर को बेल मिली तो उसके बाद वह दोबारा कभी पुलिस के हाथ नहीं आया।
बलूची डॉक्टर अल्लाह नजर का कई बार पाक सेना से आमना सामना हुआ। उसको कई गोलियां भी लगी लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी।
पाकिस्तान की सेना में उसका इतना खौफ है कि वह कई बार उसके मरने की झूठी खबर तक मीडिया में चलवा चुकी है। पाकिस्तान को लगता है कि उसकी मौत खबर से बलोच लोग टूट जाएंगे और आजादी की मांग छोड़ देंगे।
लेकिन हर बार अल्लाह नजर पाकिस्तान की मंशा पर पानी फेर देता है। वह वीडियों के जरिए बलोच लोगों के सामने आता है और उनको लड़ाई जारी रखने की अपील कर पाक फौज की नींद उड़ा देता है।
अल्लाह नजर के खौफ का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पाक सेना उसके इलाके में कदम रखने से भी घबराती है। जबकि पाक सेना को पता है कि वह पहाड़ियों पर ही छिपा हुआ है। दरअसल, पाक सेना को मालूम है कि यदि वह वहां गई तो उसका जिंदा बचकर आना मुश्किल है।