शरीर को निरोगी बनाए रखने के लिए ये 6 हार्मोन्स का संतुलन बेहद जरूरी है !
हमारे शरीर को संतुलित बनाए रखने में हार्मोन्स का बहुत बड़ा योगदान होता है. शरीर में मौजूद हार्मोन्स शरीर में संदेशवाहक का काम करते हैं तब जाकर शरीर के विभिन्न अंगों तक जरूरी सूचनाएं पहुंच पाती हैं.
इन्हीं हार्मोन्स की वजह से हम अपने मूड, स्वास्थ्य, वजन, पाचन और स्वास्थ्य से संबंधित कई बातों को समझ पाते हैं. स्वस्थ रहने के लिए हमारे शरीर में हार्मोन्स की मौजूदगी बेहद जरूरी होती है.
तो चलिए हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे हार्मोन्स का संतुलन, जो शरीर के लिए बेहद जरूर माने जाते हैं.
हार्मोन्स का संतुलन –
1 – कार्टिसोल
कार्टिसोल नाम का हार्मोन एड्रेनल में पाया जाता है. कोर्टिसोल की कमी या फिर इसके असंतुलन की वजह से एड्रेनल में थकान की समस्या होती है.
शरीर में कार्टिसोल के असंतुलन की वजह से नींद आना, चक्कर आना, नाखूनों का कमजोर पड़ना, रक्त में शुगर की मात्रा का बढ़ना और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है.
2 – एस्ट्रोजन
एस्ट्रोजन नामक हार्मोन्स के असंतुलन से दिल की बीमारी और कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए शरीर में एस्ट्रोजन का सही अनुपात में मौजूद होना महिलाओं और पुरुषों के लिए बेहद जरूरी है.
इस हार्मोन की कमी की वजह से योनि में सूखापन, सेक्स के समय दर्द, मूत्राशय में संक्रमण और डिप्रेशन जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है.
3 – प्रोजेस्टेरोन
प्रोजेस्टेरोन नाम का हार्मोन अतिरिक्त एस्ट्रोजन के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करता है. स्वस्थ प्रोजेस्टेरोन के बिना एस्ट्रोजन नाम का हार्मोन हानिकारक और नियंत्रण से बाहर हो जाता है.
इस हार्मोन की कमी से अनिद्रा, स्तनों में दर्द, वजन बढ़ना, सिर दर्द, तनाव और बांझपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
4 – टेस्टोस्टेरोन
महिलाओं और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नाम के हार्मोन का संतुलित मात्रा में होना बेहद जरूरी होता है. कम टेस्टोस्टेरोन की वजह से महिलाओं में सेक्स की इच्छा कम होती है. इसकी कमी से दिल की बीमारी, स्तन कैंसर, थकान, चिड़चिड़ापन और शीघ्रपतन की समस्या का खतरा ज्यादा होता है.
शरीर में टेस्टोस्टेरोन की अधिक मात्रा भी नुकसानदेह है. इसकी अधिकता से मुंहांसे, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, चेहरे और हाथ पर ज्यादा बाल होना, बालों का झड़ना, बांझपन और डिम्बग्रंथि अल्सर की समस्या हो सकती है.
5 – थायराइड
थायराइड हार्मोन की वजह से शरीर की हर कोशिका स्वस्थ होती है और ढंग से काम करती है. थायराइड ग्रंथि एक ऐसे हार्मोन का निर्माण करती है जो शरीर के ऊर्जा के काम करने के तरीके को प्रभावित करता है.
इस हार्मोन की कमी से डिप्रेशन, मानसिक सुस्ती, कब्ज, त्वचा में रुखापन, नींद ज्यादा आना और बालों के गिरने जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं.
6 – इंसुलिन
इंसुलिन हार्मोन हमारे खून में ग्लूकोज के स्तर को सुधारता है. अगर शरीर में इंसुलिन का बनना कम हो जाए तो इससे खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी से डायबिटीज, थकान, अनिद्रा, याददाश्त का कमजोर होना और तेजी से वजन बढ़ने जैसी समस्याएं होने लगती हैं.
निरोगी शरीर के लिए इन हार्मोन्स का संतुलन जरूरी होता है – बहरहाल शरीर में इन हार्मोन्स की कमी होने से शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है और कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं. इसलिए शरीर में इन हार्मोन्स का संतुलित मात्रा में होना बेहद जरूरी है क्योंकि इन्हीं हार्मोन्स की बदौलत शरीर स्वस्थ और निरोगी रह सकता है.
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