आज से 197 साल पहले अमेरिका के एक स्टेट मिजॉरी में एक ऐसा अजीबोगरीब कानून बनाया गया जिसने सभी को हैरान कर दिया। ये कानून था कुंवारों पर टैक्स लगाने का कानून और यहां टैक्स पर एक डॉलर की रकम चुकानी पड़ती थी।
मिजॉरी में इस कानून को 21 साल से 50 साल के कुंवारे मर्दों पर लागू किया गया था। इसे आप दुनिया के सबसे पुराने और मजबूत लोकतंत्र का हिस्सा कह सकते हैं।
उस समय ऐसा खूब हुआ करता था। आए दिन लड़ाईयां हुआ करती थीं। सेनों में लोगों की जरूरत पड़ती थी और आबादी तक बहुत कम थी। ऐसे में लोगों पर शादी करके बच्चे पैदा करने का बड़ा दबाव हुआ करता था।
अगर सेना में जवान ना भी हों तो कोई बात नहीं लेकिन समाज में लोगों की जरूरत पड़ती ही है ना। ऐसे में शादी की रस्म का अनिवार्यता बना दिया गया था। शादी और परिवार को भले लोगों की निशानी समझा जाता था। ऐसे में अगर कोई शादी की उम्र में भी कुंवारा है तो उसकी नैतिकता पर सवाल उठता था।
मिजॉरी का ऐसा अनोखा कानून अपने आप में अकेला नहीं था। इससे पहले और इसके बाद भी दुनिया के कई हिस्सों में ऐसा नियम चालू रहा।
आपको जानकर हैरानी होगी कि रोमन साम्राज्य में भी एक ऐसा कानून था। ऑगस्टस सीज़र के दौर यानि 9वीं सदी में ऐसा कानून रोम में चलता था। ऑगस्टस चाहते थे कि सभी शादी कर बच्चे पैदा करें। तब राजाओं के लिए आबादी का ज्यादा होना जरूरी था वरना वो शासन किस पर करेंगें। इस वजह से 2 साल से 60 साल के कुंवारों और बिना बच्चों वाले पुरुषों को जुर्माना देना पड़ता था।
वहां पर ये नियम सिर्फ पुरुषों पर ही नहीं बल्कि महिलाओं पर भी था। 20 से 50 साल की उम्र की महिलाओं पर भी ये नियम लागू था। खुद को बेहद सभ्य बताने वाले ब्रिटेन में भी कुछ ऐसा नियम चलता था। 1695 में ब्रिटिश संसद ने एक मैरिज ड्यूटी एक्ट पास किया था जिसके तहत किसी के जन्म लेने पर, 25 से अधिक की उम्र में शादी करने पर, मृत व्यक्ति को दफनाने पर सरकार अलग से पैसे वसूलती थी।
इस बात में सबसे बुरा ये था कि उस समय संतानहीन विधवाओं को भी ये टैक्स चुकाना पड़ता था। उन दिनों ब्रिटेन और फ्रांस के बीच तलवारें निकली हुई थीं। जंग में सरकार को पैसों की जरूरत पड़ती है और पैसा जमा करने के लिए ही सरकार ने ये अजीबोगरीब तरह के कानून बनाए थे। करीब 10 साल तक ये कानून चले।
अमेरिका में एक और स्टेट था जो बैचलर टैक्स की वसूली करता था। इस स्टेट का नाम था मिशिगन। ऐसे नियमों से परेशान होकर लोगों ने तर्क दिया की इस तरह की सज़ा सिर्फ मर्द अकेले क्यों भुगतें। औरतों पर भी टैक्स लगाना चाहिए लेकिन इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया।
न्यूजर्सी ने भी कुछ ऐसा ही टैक्स लागू करने की कोशिश की थी लेकिन उसे इसमें कामयाबी नहीं मिल पाई। दक्षिण अफ्रीका में जब नस्लभेद जोरों पर था तब वहां भी ऐसा ही कानून लागू हुआ था। सरकार चाहती थी कि गोरों की आबादी अश्वेतों से ज्यादा रहे।