पाकिस्तान की राजनीति आए दिन नई करवटें ले रही है। पाक के राजनीतिक इतिहास में जिन्ना के बाद किसी का नाम आता है तो वो अयूब खान ही हैं। इस नेता की खास बात ये थी कि ये अपने मतलब के लिए खुद पर आंख बंद करके भरोसा करने वाले लोगों को भी जहरीले सांप की तरह डंक मार देते थे।
आइए पहले जान लेते हैं कि अयूब खान कौन थे।
इस्कंदर मिर्जा बड़े लायक अफसर थे और काबिल प्रशासक भी। वह ब्रिटिश सेना के पहले भारतीय थे जिन्हें सैंडरहर्स्ट मिलट्रिी अकादमी से किंग कमीशन मिला था। बाद में ब्रितानिया हुकूमत ने उनळें मिलिट्री से रानजीतिक सर्विस में भेज दिया। पाकिस्तान बनने पर जिन्ना ने कहा कि मुल्क के डिफेंस सेकेट्री बनने के लायक कोई है तो वो बस इस्कंदर मिजा हैं।
इस्कंदर मिर्जा के एक खास थे अयूब खान। वो अयूब पर जरूरत से ज्यादा भरोसा किया करते थे। 1956 में मिर्जा ने पाक में तानाशाही लागू कर दी। लेकिन मिर्जा ने यहां मार्शल लॉ लगा दी यानि की सेना का राज और सेना की बागडोर अयूब खान के हाथ में थी। इस दौरान अयूब मन बना चुके थे कि वो मिर्जा को अपने रास्ते से परे हटाना चाहते हैं। अयूब ने अपनी कैबिनेट बनाई। 27 अक्टूबर को अयूब ने मिर्जा को रास्ते से हटा दिया। मिर्जा को अपनी पत्नी के साथ मुल्क छोड़कर जाने का फरमान सुना दिया गया। उनके पास और कोई रास्ता नहीं था।
1958 में राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्जा ने पाक में पहली बार मार्शल लॉ लगाया जिसका सेना प्रमुख अयूब खान को बनाया गया। अयूब खान ने उन्हें ही धोखा देकर देश से निकाल दिया और पाक में तानाशाह बन गया।
खुद को कहते थे कुत्ता
ये 1965 की बात है जब पाकिस्तान में मुस्लिम लीग की एक कमेटी चल रही थी। इस कमेटी के मुखिया अयूब खान ही थे। बातों-बातों में अयूब खान ने बोला कि आजतक पाकिस्तान को उनके जैसा कोई काबिल नेता नहीं मिला। ये बोलते हुए अयूब खान के चेहरे पर इतराने वाली चमक थी।
इसके कुछ सालों बाद 1969 में अयूब खान को जबरन रिटायर कर दिया गया और अब तक अयूब का जलवा ठंडा पड़ चुका था। एक दिन शाम के समय अयूब अपनी पत्नी के साथ घर से बाहर टहलने निकले थे कि सड़क पर कुछ लोगों ने उन्हें पहचान लिया। उन लोगों ने अयूब को घेरकर नारे लगाने शुरु कर दिए – राष्ट्रपति अयूब जिंदाबाद। ये सब देखकर अयूब एकदम भौंचक रह गए और आंखे डबडबा गईं। तब भरे गले से अयूब ने कहा – अयूब कुत्ता है।
इस्लामाबाद की एक किताब की दुकान को खुद अयूब ने बसाया था। इस बुकशॉप में कुछ छात्रों ने अयूब को देखा और कहा कि आप फिर से राष्ट्रपति क्यों नहीं बन जाते। तब अयूब ने बड़ी शर्मिंदगी से जवाब में कहा – नहीं मेरे बच्चे, अयूब कु्त्ता अब बूढा हो गया है।
ऊपर बताई गई तीनों बातें अयूब खान ने खुद कही थी। वो ऐसे नेता थे जिन्हें कभी खुद पर नाज़ था लेकिन समय ने ऐसी करवट ली वो खुद को कुत्ता कहने लगे थे। खैर, राजनीति के दलदल में सभी का ऐसा हाल होता है।