अयोध्या में मंदिर बनेगा या मस्जिद, इस बात को लेकर लम्बे समय से विवाद चल रहा है। ये एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर आज तक कई बार बहस हुई लेकिन कोई भी बहस अपने मुकाम तक नहीं पहुंच पाई।
6 दिसम्बर, 1992 वो तारीख थी जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराया गया और तब से लेकर आज तक ये तय नहीं हो पाया है कि आखिर वहां पर मस्जिद बनेगी या मंदिर। 6 दिसंबर को अयोध्या में जुटे कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद की हर एक ईंट गिरा दी, जिस पर धार्मिक, साम्प्रदायिक हर तरह की बातें हुई और सभी लोगों ने अपने अलग-अलग मत रखें। किसी ने इसका समर्थन किया तो किसी ने विरोध किया।
अयोध्या में इस ज़मीन पर क्या बनना लीगल है और धर्म संगत है। इस बात को लेकर 1949 से शुरू हुआ मुकदमा 40 साल जिला अदालत में चला और फिर 20 साल हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई चली और अब ये मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में पिछले 7 सालों से फैसले कि लिए इतंज़ार में है।
गिराई गई मस्जिद की जगह पर अब मंदिर बनेगा या फिर दोबारा मस्जिद, ये जवाब सभी जानना चाहते हैं लेकिन कोर्ट ने 5 दिसंबर 2017 को एक बार फिर से सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ाते हुए इस जवाब के इतंज़ार को और बढ़ा दिया है।
कोर्ट ने अगली तारीख फरवरी 2018 की दी है तो कोर्ट की तरफ से तो अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है कि आखिर वहां मस्जिद बनेगी या मंदिर, लेकिन विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने अपनी तरफ से इस बात का फैसला पहले ही कर दिया है कि अगर मंदिर बनेगा तो वो कैसा दिखेगा, मंदिर की दीवारों से लेकर साजो-सज्जा तक सभी कुछ इन्होंने निर्धारित कर लिया है।
ये पढ़कर आपके दिमाग में भी ये सवाल उठ गया होगा कि अगर वहां राम मंदिर बनेगा तो कैसा बनेगा तो चलिए मैं आपको बता ही देती हूं कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल इस संदर्भ में क्या मत रखते हैं।
आइए आपकी जिज्ञासा को और ना बढ़ाते हुए जान ही लेते हैं।
विश्व हिंदू परिषद की ओर से प्रस्तावित ये मंदिर पूरी तरह से शिल्प कला पर आधारित होगा। शिल्प शास्त्र के आधार पर ही इस मंदिर का ताना-बाना बुना जाएगा। इस मंदिर का नक्शा बनाने के लिए गुजरात के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा कार्य करेंगे। ये एक बहुत ही प्रसिद्ध शिल्पकार हैं और इन्हें नक्शे बनाने के काम में महारथ हासिल है।
इन्होंने जो नक्शा बनाया है, उसके आधार पर मंदिर में नीचे वाले तल पर राम जी की मूर्ति रहेगी और ऊपर वाले तल पर राम दरबार रहेगा। ये मंदिर दो मंजिला होगा। ये मंदिर पांच हिस्सों में बंटा होगा और उसी हिसाब से इसमे अंदर जाने के लिए भी पांच दरवाजें होंगे। इस मंदिर के अलग-अलग हिस्सों का नाम सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कोली, गर्भगृह और परिक्रमा होगा। मंदिर का मुख्य गेट मकराना के सफेद संगमरमर से निर्मित होगा, साथ ही इसमें दो गुम्बद भी होंगे।
राम मंदिर की इस संरचना को देखकर आपके भी दिल में प्रसन्नता तो ज़रूर आई होगी। अब यहां राम मंदिर बनता है या मस्जिद, इसका फैसला तो कोर्ट के हाथों में है लेकिन इतना ज़रूर है कि अगर यहां मंदिर बना तो इस संरचना के हिसाब से वो काफी सुन्दर होगा।