जो सैनिक अपनी मातृभूमि के लिए मर मिट जाने का जज्बा रखते हैं ऐसे सैनिकों से मिलने के लिए अथर्व फाउंडेशन ने एक मुहिम शुरु की है.
‘वन फॉर ऑल, ऑल फॉर वन’ नामक इस मुहिम के ज़रिए यह फाउंडेशन देश के जाबांज़ सैनिकों और उनके परिवार वालों से मिलने के लिए देश के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर रही है.
इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए हाल ही में अथर्व फाउंडेशन की एक टीम ने असम का दौरा किया. इस टीम ने गुवाहाटी में ब्रिगेडियर जोशी नारायण दत्ता, एसएम (सेवानिवृत्त) से मुलाकात की, जो असम सरकार के सैनिक कल्याण निदेशालय यानि डायरेक्टर ऑफ द डायरेक्ट्रेट ऑफ सैनिक वेल्फेयर, गवर्नमेंट ऑफ असम के एक अधिकारी हैं.
ब्रिगेडियर ने अपने 36 सालों के अनुभव को किया साझा
जब अथर्व फाउंडेशन की टीम ने ब्रिगेडियर जोशी नारायण दत्ता से मुलाकात की तो उन्होंने सेना की पृष्ठभूमि में अपने 36 सालों के अनुभव को साझा किया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह वेल्फेयर सेवानिवृत्त सेना के अधिकारियों के लिए किस तरह से काम करता है.
उन्होंने बताया कि यह वेल्फेयर राज्य में ज़िला सैनिक कल्याण कार्यालयों के काम पर नियंत्रण व समन्वय रखने के साथ ही उनके प्रभावी कार्यों को सुनिश्चित करता है. यह वेल्फेयर राज्य के मंत्रालयों, राज्य उपक्रमों व उद्यमों और बैंको के साथ संपर्क बनाए रखने, राज्य की आरक्षण नीति के अनुसार पूर्व सैनिकों और विधवाओं के लिए रिक्तियों की तलाश करने और भर्ती नियमों के अनुसार ऐसी रिक्तियों पर निगरानी रखने जैसे कामों को भी करता है.
शहीद जवानों के परिवार से भी टीम ने की मुलाकात
आगे बढ़ते हुए इस टीम ने असम के कामरुर ज़िले में रहनेवाले स्वर्गीय हवलदार रामधन बोरो के परिवार से मुलाकात की. स्वर्गीय हवलदार रामधन मोरो साल 2003 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के दौरान शहीद हुए थे.
इसके बाद इस टीम ने गुवाहाटी और अरुणाचल प्रदेश में जाकर स्वर्गीय जय सिंह बोरो और हवलदार हंगपन्ना दादा के परिवार से भी मुलाकात की. इसी दौरान इस टीम की मुलाकात हवलदार दुर्गा कांते डोले और कैप्टन जिंतू गोगोई के परिवारों से भी हुई.
अथर्व फाउंडेशन के संस्थापक ने शुरू की है ये मुहिम
जाबांज़ सैनिकों और उनके परिवार वालों से मिलने के लिए अथर्व फाउंडेशन के संस्थापक श्री सुनील राणे ने ही ‘वन फॉर ऑल, ऑल फॉर वन’ नाम के इस मुहिम की शुरूआत की है. असम का दौरा जिस पर इस फाउंडेशन के संस्थापक सुनील राणे के साथ संयोजक कर्नल सुधीर राजे (सेवानिवृत्त) भी मौजूद रहे.
देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देनेवाले शहीदों को सम्मान देने के लिए यह टीम देश के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर रही है और इस संस्था ने देश के असली नायकों का सम्मान करने के लिए ही इस मुहिम को शुरू किया है.
देश के लिए जवानों के बलिदान और उनके त्याग की गाथा को आम युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास यह फाउंडेशन कर रहा है, ताकि युवा भी इससे प्रेरणा ले सकें. इसी मकसद से 31 जनवरी 2018 को मुंबई के वर्ली एनएससीआई डोम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आम लोगों के साथ ही सैनिकों के परिवार वाले भी शिरकत करेंगे.
अथर्व फाउंडेशन और उसका उद्देश्य
असम का दौरा – अथर्व फाउंडेशन, अथर्व एजुकेशन ट्रस्ट की एक ऐसी पहल है जिसकी शुरूआत श्री सुनील राणे ने किया है. इस फाउंडेशन के संस्थापक का मानना है कि एक राष्ट्र का विकास अपने समाज के विभिन्न वर्गों के विकास पर निर्भर करता है. समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के साथ ही महिलाओं, बच्चों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा व प्रशिक्षण देना ही इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य है.