मार्टिन लूथर किंग जूनियर
मार्टिन लूथर किंग अमेरिका के ही नहीं दुनिया के सबसे प्रभावशाली अश्वेत नेताओं में से थे.
जिस समय अमेरिका में रंगभेद अपने चरम पर था उस समय मार्टिन एक आवाज़ बनकर उभरे.
मार्टिन लूथर से पहले अश्वेतों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जाता था. उनके लिए आम वाहनों और सार्वजनिक स्थानों में आना मना था. उनके खाने, रहने, घुमने के स्थान अलग होते थे. हर जगह उनके साथ भेदभाव किया जाता था.
महात्मा गांधी और अब्राहम लिंकन से प्रेरित मार्टिन की लोकप्रियता और अश्वेतों के अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई को मिलने वाला समर्थन बहुत से लोगों की आँखों में चुभ रहा था. 4 अप्रेल 1968 के दिन मेम्फिस के एक होटल की बालकनी में आये तो उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी. मार्टिन की लड़ाई व्यर्थ नहीं गयी अमेरिका में रंगभेद आज काफी हद तक कम हो गया है. लेकिन मार्टिन अपने इस सपने को साकार होते नहीं देख सके
देखा आपने ये सब वो लोग थे जिन्हें आज ना केवल इन लोगों के देश अपितु पूरी दुनिया सम्मान की नज़रों से देखती है और इनके दिखाए मार्ग पर चलती है.
लेकिन ऐसे भी लोग थे जिन्होंने नफरत के चलते इन महान हस्तियों की हत्या कर दी.
ज़रा सोचिये अगर इन सब की असमय मृत्यु नहीं होती तो आज ये दुनिया कितनी अलग होती.