आसिया बीबी – पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बीतें दिनों एक इसाई महिला को इर्शानिंदा के मामले में बरी कर दिया।
ये मामला बीते 8 सालों ने कोर्ट के दरवाजे पर अटका हुआ था, जिसका इंतजार आसिया बीबी को 9 सालों से था। आसिया बीबी पर आरोप था कि उन्होंने पैंगंबर मोहम्मद का अपमान किया है। बतां दे कि निचली अदालत ने इसी मामले में आसिया बीबी को मौत की सजा सुनाई थी और इसी सुनवाई के साथ आसिया बीबी को जेल हो गई थी।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस मियां साकिंब निसार ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि आसिया बीबी को निचली अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाये जाने वाले फैसले को वह नामंजूर करते है… और अगर उन पर इस मामले के अलावा और कोई आरोप नहीं है, तो उन्हें तुरंत रिहा कर दिया जाए। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ के इस फैसले के बाद से पाकिस्तान में चारों ओर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बगावत की लहर दौड़ पड़ी और लाहौर, इस्लामाबाद और कराची आदि पाकिस्तान के बड़े शहरों में कट्टरपंथियों ने आसिया को रिहा करने के मामले में जमकर हंगामा और प्रदर्शन किया।
क्या है पूरा मामला और कौन है आसिया
दरअसल ये पूरा मामला साल 2009 का है, जब आसिया नूरीन ने अपने घर के पास के ही एक फालसे के बाग में दूसरी महिलाओं की तरह ही काम किया करती थी। एक दिन वहां एक मुस्लिम महिला के साथ आसिया का झगड़ा हो गया। इस घटना को लेकर आसिया नूरीन ने अपनी एक किताब लिखी है, जिसमें उसने इस घटना का पूरा संक्षिप्त विवरण किया है। आसिया ने अपनी किताब ब्लासफेमी में बताया है कि मुझे आज भी याद है 14 जून 2009 की तारीख…. इस तारीख से जुड़ी हर याद आज भी मुझे पूरी तरह से याद है। मैं उस दिन फालसे बटौरने के लिए गई थी और उस दिन आसमान से आग बरस रही थी। दोपहर होते होते गर्मी इतनी बढ़ गई थी कि भट्टी में काम करने जैसा लग रहा था और मैं पसीने से तरबतर हो गई थी। उस दिन गर्मी इतनी ज्यादा थी कि मेरे शरीर ने काम करना बंद कर दिया था। मुझे प्यास लगी थी, तो मैं झाडि़यों से निकलकर पास ही में बने हुए एक कुएं के पास पहुंची और कुएं में बाल्टी डालकर उससे पानी बाहर निकाल लिया… और इसके बाद मैंने कुएं पर रखे गिलास को बाल्टी में डालकर उससे पानी पी लिया। तभी एक महिला आई जिसकी हालत मेरे ही जैसी थी वह कुएं के पास पहुंची और पानी पीने लगीं… कि अचानक वहां आई एक दूसरी महिला ने उस से चिल्लाकर कहा कि ये पानी मत पियो… ये हराम है… क्योकि एक ईसाई महिला ने इसे अशुद्ध कर दिया है।
उस महिला की इस बात पर मैंने उसे जवाब दिया कि ईसा मसीह इस काम को पैंगंबर मोहम्मद से अलग नज़र से देखेंगे… इसके बाद उस महिला ने कहा- तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, पैगंबर मोहम्मद के बारे में कुछ भी बोलने की… और अगर तुम इस पाप से मुक्त होना चाहती हो तो इस्लाम कुबूल करना होगा।
उनके ये शब्द सुनकर मुझे बुरा लगा क्योकि मुझे अपने धर्म पर पूरा भरोसा था, इसलिए मैने कहा नहीं मैं धर्म परिवर्तन नहीं करूंगी और मुझे अपने धर्म पर पूरा भरोसा है। ईसा मसीह ने मानवतता के लिए सलीब पर अपनी जान दी। आपके पैगंबर मोहम्मद ने मानवता के लिए क्या किया है? …. इस लेख में आसिया ने लिखा है कि मात्र पानी पीने के लिए ही उसे मौत की सजा दी गई थी।
आसिया बीबी को सजा दिए जाने को लेकर पाकिस्तान में कई बार कट्टरपंथियों ने हंगामा, दंगा, फसाद किये। इन हंगामों में कई लोगों की जान भी जा चुकी है, तो कई हजार लोग इनमें घायल हुए है।
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