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दुनिया खत्म होने तक अमर रहेगा यह योद्धा ! महाभारत काल से भटक रहा है धरती पर !

द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा

किले में रोज़ करते हैं शिव की पूजा

असीरगढ़ के इसी किले में एक प्राचीन शिव मंदिर है. भगवान शिव के इस मंदिर में हर दिन कौन गुलाल और फूल अर्पित करके चला जाता है. आज भी यह एक रहस्य बना हुआ है.

ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर तक आने का एक गुप्त रास्ता है जिससे अश्वत्थामा आकर यहां शिव जी की पूजा करते हैं.

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