आज हम भारतीय सिनेमा के शुरूआती दौर के एक सुपरस्टार के बारे में बात करने जा रहे है।
भारतीय फिल्मों के शुरूआती दौर में जब बोलती फिल्मों की शुरुआत की गई तब अभिनय में रंगमंच की छाप हुआ करती थी क्योंकि पारसी थियेटर का इतना प्रभाव था जिसकी वजह से उस समय संवाद अदायगी पर काफी जोर दिया जाता था। लेकिन ऐसे वक्त में अभिनेता अशोक कुमार ने नेचुरल एक्टिंग करके अभिनय की परिभाषा ही बदल दी थी।
उस दौर में दादामुनि एक ऐसे कलाकार के रूप में सामने आये जिनके अभिनय में सहजता और स्वाभाविकता थी। बस उनकी यही सहज और नेचुरल एक्टिंग लोगों के दिलों में बस गई और लोगों ने उनको पलकों पे बिठा लिया।
अभिनेता अशोक कुमार अपने ज़माने के सबसे बड़े सुपरस्टार रहे है वे दिलीप कुमार, देव आनंद, शम्मी कपूर जैसे नायकों से भी वरिष्ठ थे। उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर में 275 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया था। हालाँकि अशोक कुमार का बचपन से ही फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का सपना था लेकिन एक एक्टर के रूप में नहीं बल्कि एक तकनीशियन के रूप में काम करना चाहते थे क्योंकि उस वक्त एक्टिंग को गंदा पेशा माना जाता था।
अभिनेता अशोक कुमार सिर्फ एक्टर ही नहीं थे बल्कि वे एक बेहतरीन पेंटर भी थे और खासकर न्यूड पेंटिंग बनाने का उनको शौक था।
उन्होंने अपनी पत्नी की न्यूड पेंटिंग भी बनाई थी इसके अलावा और भी कई तरह की न्यूड और अन्य पेंटिंग भी उन्होंने बनाई थी। उनके जाने के बाद उनकी बेटी इन पेटिंग्स की प्रदर्शनी भी लगा चुकी है।
पेंटिंग्स के अलावा अशोक कुमार को होम्योपैथी का भी अच्छा ज्ञान था और वे इसकी प्रेक्टिस भी किया करते थे।
ये थे दादामुनि उर्फ़ अशोक कुमार जिन्होंने कभी अपनी पत्नी की न्यूड पेटिंग बनाई थी। फ़िल्मी दुनिया कुछ ऐसे ही दिलचस्प किस्सों को जानने के लिए हमसे जुड़े रहिये।