आज भी यहाँ लोगों को शक के आधार पर भूत-चुड़ैल समझकर मार दिया जाता है.
कहते हैं कि इस राज्य पर कभी किसी और का कब्जा अगर नहीं हो पाया है तो उसकी वजह यह काला जादू ही था.
मुस्लिम शासकों ने यहाँ घूसने की कोशिश की थी लेकिन उनको सफलता नहीं मिली थी और अंग्रेज तो समझ भी गये थे कि यहाँ कोई अदृश्य शक्ति काम कर रही है.
आप निश्चित रूप से नहीं जानते होंगे कि आसाम जो आज असम है, वह एक समय में जादू-टोने का देश हुआ करता था.
आज भी असम का मंदिर कामख्या मंदिर जादू के लिए ही प्रसिद्ध है.
कहा जाता है कि असम में कुछ जगह ऐसी हैं जहाँ आज भी इंसान गायब कर दिया जाता है और जंगली जानवरों में बदल दिया जाता है. कुछ बाबा तो ऐसे भी हैं जो जंगली जानवरों को अपने वश में रखते हैं. आपको बेशक यह सब पढ़कर हैरानी हो रही होगी लेकिन सच है कि आसाम (आज का असम) कभी जादू-टोने का देश हुआ करता था.
अब तुरंत कीजिये किसी व्यक्ति को सही
जादू-टोने का देश असम के टोटके कितने असरदार हैं उसके लिए आप एक प्रयोग कीजिये कि नीचे बताये जा रहे मन्त्र से कोई भी बीमार व्यक्ति सही हो सकता हैं. बस ध्यान रखें कि पहले यह मन्त्र आपको सिद्ध करना है. सिद्ध करने विधि भी नीचे बताई गयी है.
लोना सलोना.
योगिनी बांधे टोना.
आवहु सखी मिली जादू कवनु.
कवनु देश कवनु फिर आदि.
अफूल फुलवाई.
ज्यों ज्यों आवै बॉस.
त्यों त्यों अमुक आवै हमारे पास.
कवरु देवी की शक्ति.
मेरी भक्ति.
फुरो मंत्र मोहिनी ईश्वरोवाचा.
विधि- शनिवार को मंत्र सिद्ध कर लें फिर सरसों लेकर मंत्र पढ़ते हुए रोगी को मारे वह एक दम तंदरुस्त हो जायेगा.
शनिवार को सरसों के तेल के दीपक को जलाकर 51 माला जपने से मंत्र सिद्ध हो जायेगा.
जादू-टोने का देश असम का यह गाँव मशहूर है काले जादू के लिए
मायोंग गाँव के लोग काले जादू और टोटके के मामले में सबसे ज्यादा खतरनाक बताये जाते हैं. इस गाँव का एक अर्थ ही माया के रूप में बताया जाता है. बोला जाता है कि यहाँ सालभर लोग काले जादू और तंत्र मन्त्र की साधना करते हैं.
यहाँ के कुछ अघोरी लोग तो इतने शक्तिशाली हैं कि वह पूरा साल गायब होकर ही साधना करते रहते हैं. यहाँ की गाँव के लोग अपने बच्चों को बचपन से ही काला जादू सिखाते हैं.
कामख्या मंदिर का काला जादू
जब शिव भगवान सती का शव लेकर जा रहे थे, तब उनकी ‘योनी’ इस स्थान पर गिरी थी. यह मंदिर काले जादू और टोटकों के लिए काफी मशहूर है. मंदिर के आसपास के जंगलों में कई संत तंत्र साधना ही करते रहते हैं. इस मंदिर के अंदर भी एक प्राकृतिक गुफ़ा है जहां पानी का झरना भी है. बोला जाता है कि यह पानी भी कम शक्तिशाली नहीं है.
मंदिर पर गुप्त नवरात्रों के समय कई हजार तांत्रिक इकठ्ठा होते हैं और तंत्र साधना करते हैं.
प्राचीन भारत का सबसे खतरनाक काला जादू
असम प्राचीन समय में भी काले जादू की भूमि रही है. सबसे अधिक हैरान करने वाली बात यह है कि काले जादू के नाम पर असम में हर साल हजारों उल्लूओं की बलि दे दी जाती है. इस बात का खुलासा खुद राज्य सरकार ने RTI के अंतर्गत दिया था.
यहाँ के कालू जादू की सनसनीखेज बात यह है कि यहाँ का काला जादू 100 प्रतिशत सही सिद्ध हो रहा है. यहाँ के लोग काले जादू के लिए आत्माओं का भी प्रयोग करते हैं.
तो इस तरह से आज आप जान गये हैं कि असम जादू-टोने का देश क्यों बोला जाता था और आज भी यहाँ लोग जाने से क्यों डरते हैं. वैसे अगर आप कभी असम घूमने जायें तो सावधानी जरूर बरतें.
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