दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 21 विधायकों की सदस्यता को दाव पर लगा कर एक शख्स ने उनके होश उडा दिया है.
अरविन्द केजरीवाल जो पहले प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नये नये मुद्दे ढूंढते और बनाते रहते थे, उनको इस 21 MLA का ऐसा सदमा लगा है कि अब वो समझ नहीं पा रहे होंगे की क्या करें और कैसे करें.
आइये जानते हैं कौन है यह शख्स जिसने अरविन्द केजरीवाल के 21 MLA को बर्खास्त कराने की मुहीम शुरू की और इतना बड़ा झटका दिया
उस शख्स का नाम प्रशांत पटेल है, जो एक मध्यम वर्गीय परिवार से है और पेशे से एक वकील है. प्रशांत यूपी में फतेहपुर के अंतर्गत एक छोटे से कस्बे जहानाबाद के निवासी है .
प्रशांत की शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर से और ग्रेजुएशन इलाहाबाद में हुआ.
उसके बाद दिल्ली नोएडा से MBA कर गुड़गांव में ई-कॉमर्स कंपनी में नौकरी करने लगे. प्रशांत ने वकालत की पढाई भी की थी इसलिए नौकरी छोड़कर पूरी तरह वकालत में भीड़ गए और अब सारे भ्रष्ट लोगो की चैन छीन रहे है.
इन्होने सिर्फ अरविन्द का ही नहीं बल्कि इससे पहले आमिर खान, कन्हैया कुमार सब का चैन छिन चुके है.
फिल्म पीके के दौरान प्रशांत द्वारा ही हिंदुओं भावनाओं का मजाक और आहात का आरोप लगाकर कोर्ट में आमिर खान के खिलाफ अर्जी दी गई थी.
जेएनयू मामले में कन्हैया कुमार विवाद मामले में भी दिल्ली हाईकोर्ट में जाकर रिट दाखिल किया था.
प्रशांत द्वारा सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष लीला सैम्सन के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी, जिसके बाद लीला सैम्सन को पद से निष्कासितकर दिया गया.
इसकी खास बात यह है की यह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी प्रभावित है. 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी से प्रभावित हुए थे परन्तु फिर भी बीजेपी के लिए काम नहीं करना चाहते.
प्रशांत पटेल के अनुसार मार्च 2015 में आम आदमी पार्टी के जो विधायकों मंत्री नहीं बने उन्हें संसदीय सचिव बना कर पदस्थ कर दिया गया और इस पद के अंतर्गत अरविन्द केजरीवाल के 21 MLA को यह लाभ की पदवी प्राप्त हुई थी .
प्रशांत ने इसके लिए सबसे पहले कानून का सहारा लेते हुए कोर्ट पहुंचे. उसके बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास गए और अरविन्द केजरीवाल के 21 MLA को उनके पद से अलग करने की अपील की.
प्रशांत के इस मोर्चे ने ऐसा तुल पकड़ा है कि अब दिल्ली के आम आदमी पार्टी के 21 MLA की सदस्यता रद्द हो सकती है.