26 नवंबर, 2012 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाने की आधिकारिक रूप से घोषणा की थी।
उस समय माना जा रहा था कि उनकी पार्टी दिल्ली में दो-चार सीटें हासिल कर लेगी लेकिन हुआ इसका उलट। केजरीवाल की पार्टी ने दिल्ली में अपनी सरकार बना ली और मिस्टर ए.के दिल्ली के मुख्यमंत्री तक बन गए।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने के लिए लोगों का विश्वास जीता और जैसे-जैसे उन्होंने कहा ठीक-ठीक वैसे-वैसे जनता उनके जाल में फंसती गई। भले ही अभी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजनीति में कच्चे हों लेकिन केजरीवाल और राजनीति के अनोखे प्यार पर एक लव स्टोरी जरूर बन सकती है जहां दो लोगों में भरपूर प्यार होता है लेकिन एक-दूसरे से मेल ना खाने की वजह से दोनों का मिलन नहीं हो पाता।
फिल्म का नाम कुछ ऐसा होगा
अगर आशिकी फिल्म के डायरेक्टर अपनी इस सुपरहिट फिल्म का सीक्वल बनाना चाहते हैं तो वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राजनीति के प्रति उनके प्यार पर आशिकी 4 बना सकते हैं। सौ टका ये कहानी दर्शकों को बहुत पसंद आएगी और इसकी सबसे खास बात तो ये रहेगी कि राजनीति के प्यार में पागल केजरीवाल जी ने अपने प्यार को हासिल करने के लिए पूरे दिल्ली शहर को बेवकूफ बना दिया। केजरीवाल जी का प्यार कुछ ऐसा था कि उन्होंने राजनीति के प्यार में दिल्ली शहर को ही नीलाम कर दिया और खुद प्यार के सागर में डूब गए।
इस फिल्म के गाने कुछ इस तरह होंगें – राजनीति तेरे प्यार में हम परदेसी हो गए, राजनीति तुझको देखकर कितने नेता मर गए रे…
हंसिए मत, ये बात बिलकुल सच है कि केजरीवाल जी राजनीति के प्यार में बिलकुल बांवरे से होते जा रहे हैं और इस चक्कर में उन्होंने जनता से जो वादे किए थे वो भी भूलते जा रहे हैं। लगता है कि उनका हाल मजनू से भी बदतर होता जा रहा है जिसे लैला तो मिल गई लेकिन लैला का प्यार नहीं मिल पा रहा है। इस बात से हमारा मतलब ये है कि दिल्ली की जनता को बहला-फुसलाकर केजरीवाल जी ने सत्ता तो हासिल कर ली लेकिन उन्हें पॉवर नहीं मिल पाई। अब भी अगर उन्हें कोई डिसीजन लेना होता है तो वो सारा दोष केंद्र सरकार पर मढ़ देते हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार उन्हें काम नहीं करने दे रही है।
अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि केजरीवाल जी के प्यार के बीच केंद्र सरकार दीवार बनकर खड़ी है। अगर इस कहानी पर आशिकी 3 बनाई जाए तो सीन कुछ ऐसा होगा – केजरीवाल जी भरी सभा में अपने प्यार राजनीति को पाने के लिए भाषण दे रहे हैं लेकिन राजनीति के बाप केंद्र सरकार यानि की बीजेपी उनका मिलन नहीं होने देना चाहती है। इस दिलचस्प फिल्म में गानों का तड़का भी लगाया जा सकता है। हो ना हो ये मूवी दर्शकों को बहुत पसंद आएगी और जो भी निर्माता इसे बनाता है वो करोड़ों की कमाई कर लेगा।
हम जैसे आम आदमी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी और राजनीति के प्यार को नहीं समझ सकते हैं। ये प्यार तो पवित्र है।
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