ऐसा लगता है कि जब जब वित्त मंत्री अरुण जेटली का मशहूर वकील और राम जेठमलानी का आमना सामना होता है तो कोर्ट रूम का तापमान एकाएक बढ़ जाता है.
ऐसा ही कुछ हुआ जब वित्त मंत्री अरुण जेटली के डीडीसीए मानहानि केस में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी. इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने अरुण जेटली को लेकर कहा कि उनकी कोई प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि वो अपराधी हैं.
अरूण जेटली इस बात को तो पी गए. लेकिन इसके अगले ही पल राम जेठमलानी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने एक लेख को अरुण जेटली को दिखाया और पूछा कि क्या आपने इसे पढ़ा है.
जिसपर जेटली के वकीलों ने आपत्ति जताई. लेकिन जेठमलानी ने यह सवाल कई बार पूछा और आखिर में यहां तक कह दिया कि अरुण जेटली चोर हैं, जिसे मैं साबित करूंगा.
बस फिर क्या था. इस पर अरूण जेटली ने आपा खो दिया. और वे गुस्से में आ गए. वहीं इसके बाद कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने जमकर हंगामा हो गया.
इसी बीच अरुण जेटली ने जेठमलानी से पूछा कि क्या अरविंद केजरीवाल ने आपको अनुमति दी है ये शब्द कहने के लिए, अगर दी है तो मैं 10 करोड़ की मानहानि की राशि को बढ़ाने वाला हूं. इसके बाद जेटली ने ये भी कहा कि अपमान की एक सीमा होती है.
लेकिन राम जेठमलानी कहां मानने वाले थे. उन्होंने जेटली से कई तीखे सवाल पूछे. किया, जिससे कोर्ट ने 45 मिनट तक तीखी बहस होती रही. हंगामे के बाद सुनवाई को 28 जुलाई तक के लिए टाल दिया है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी हुई सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी से जेटली से कई सख्त सवाल पूछे थे. जेठमलानी ने जेटली से पूछा था कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह लेने के बाद केस दायर किया, क्या पीएम मोदी को गवाह के तौर पर बुलाया जाए हालांकि कोर्ट ने जेठमलानी की इस मांग को खारिज कर दिया.
ज्ञात हो कि केजरीवाल और आप नेताओं ने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ यानी डीडीसीए में कथित घोटाले को लेकर अरुण जेटली पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद जेटली ने अरविंद केजरीवाल पर मानहानि का दावा करते हुए 10 करोड़ का मुकदमा किया था.
लेकिन इस मुकद्में में उस वक्त एक नया मोड़ आ गया जब वकील राम जेठमलानी ने केजरीवाल की ओर से पैरवी शुरू कर दी. दरअसल, राम जेठमलानी की अरूण जेटली से पुरानी टशल है.
इसके अलावा जेठमलानी काले धन को लेकर भी जेटली से बहुत खफा है. उनको लगता है कि जेटली विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने की राह में अड़ंगे डाल रहे हैं. जिस कारण वे जेटली को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं.