बात जब तालमेल और सामंजस्य की होती हैं, तब इस दौरान इन दो लोगों के बीच घटने वाली घटनाएं और कुछ किस्से ऐसे बनते हैं जो बड़े मज़ेदार होते हैं और ऐसे पल ही ज़िन्दगी में मिठास भरने लगते हैं जैसे बिस्तर में किसी इंसान को बिलकुल सीधे सोने की आदत हैं और यदि उसकी शादी किसी ऐसे इंसान से हो जाये जो हाथ पैर फैला के सोता हैं तो उसके साथ सामंजस्य बिठाना मजेदार होता हैं. ऐसे ही कई किस्से होते हैं, जो उनके बीच घट कर उनकी करीबी बढ़ाते हैं.
दरअसल लव मैरिज में शादी के पहले ही लोग एकदूसरे को इतने करीब से जान चुके होते हैं कि शादी के बाद उनके पास जानने के लिए कुछ बाकि होता ही नहीं हैं, वही अरेंज मैरिज में एकदूसरे को जानने समझने मैं ही ज़िन्दगी आराम से निकल जाती हैं शायद इसलिए पुराने लोग अरेंज मैरिज को ज्यादा तवज्जो देते थे.
इस पोस्ट के माध्यम से हम किसी एक शादी का समर्थन और दूसरी का विरोध नहीं कर रहे हैं, बस दोनों के बीच के अंतर को आप तक पंहुचा रहे हैं. अब यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप अपना जीवनसाथी कैसे पसंद करना चाहते हैं.