सेना के जवानों की ट्रेनिंग – हर देश की सीमा पर उसके जवान तैनात रहते हैं.
अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए वो २४ घंटे पहरेदारी करते हैं. उन्हें अपनी जान की परवाह नहीं रहती. देश के जवानों को अपने घर की चिंता नहीं रहती, लेकिन वो अपने देश की चिंता करते रहते हैं. हर देश के सैनिकों की शुरुआत से ही ऐसी कठिन ट्रेनिंग होती है कि आम लोग उसे सपने में भी नहीं सोच सकते.
आम लोगों को जब सैनिकों पर कोई डाक्यूमेंट्री दिखाई जाती है, तो वो उसे देखकर हैरान हो जाते हैं.
असल में अगर सैनिकों के कैम्प में एक भी दिन आम इंसान को छोड़ दिया जाए, तो उनका बुरा हाल हो जाएगा. दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं, जिनके यहाँ सैनिकों की ट्रेनिंग बहुत हार्ड होती है. इसी में एक चीन है.
हमारा पड़ोसी चीन अपने सैनिकों को कड़ी ट्रेनिंग देता है. उनके एक अभ्यास में सैनिकों को जिंदगी और मौत का खेल खेलना होता है. बचपन में Passing the Pass तो खेला ही होगा. बस वही खेल है जिसमें आपको पास करना है जिंदा ग्रेनेड. एक से दूसरे सैनिक तक यह तब तक पास होगा जब तक आखरी सैनिक उसे जमीन में फटने से पहले दबा न दे. सेना के जवानों की ट्रेनिंग को देखने के लिए भी जिगर चाहिए. गलती से अगर ये हाथ में ही फट गया तो जान भी जा सकती है, लेकिन चीन के सैनिक इसे करते हैं.
चीन की ही तरह एक और देश है जो अपने सैनिकों को इतना कड़ा प्रसिक्षण देता है कि वहां की जनता रो देती है.
भारत का दोस्त रूस ट्रेनिंग देने के मामले में दूसरे स्थान पर है. रूस की स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग का एक हिस्सा है जिसमें सैनिक एक-दूसरे को छाती में गोली मारते हैं. इसके पीछे यह कि उन्हें सीने में गोली खाने के लिए तैयार किया जा सके. हालांकि उन्हें गोली सुरक्षा जैकेट के साथ मारी जाती है, लेकिन फिर भी कुछ सैनिक घायल हो जाते हैं.
इस तरह की सेना के जवानों की ट्रेनिंग देखकर बड़े से बड़े हैरान रह जाते हैं.
सेना के जवानों की ट्रेनिंग में आगे पड़ाव और भी कठिन होता है.
कुछ देश तो इतने सनकी होते हैं कि अपने सैनिकों को खून तक पिलाते हैं. जी हाँ, रह गए न आप हैरान, लेकिन ये सच है. थाईलैंड के जंगलों में यह ट्रेनिंग कराई जाती है. इसमें सैनिकों को कोबरा का खून पिलाया जाता है. इसका उद्देश्य होता है कि सैनिकों को हर परिस्थिति के लिए मजबूत बनाना. ये सेना के जवानों की ट्रेनिंग थाईलैंड के जंगलों में कराई जाती है. इस खतरनाक ट्रेनिंग में उन्हें यह सिखाया जाता है कि कोबरा का खून पीकर वो अपनी प्यास असानी से बुझा सकते हैं. ज़रा सोचिए जिस कोबरा का सपना देखने भर से आप डर जाते हैं, उसे मारकर उसका खून अगर आपको पीना हो तो किस लेवल का जिगर आपके पास होना चाहिए.
सेना के जवानों की ट्रेनिंग को इसलिए दिया जाता है कि कभी जब ऐसी स्थिति आए कि उनके पास खाने और पीने को कुछ न बचे और वो जंगल में हों, तो इससे काम चला सकें.
ये है सेना के जवानों की ट्रेनिंग – अब आपको समझ में आ ही गया होगा कि आपके घर में खुश बैठने का हमारे जवान सीमा पर क्या मोल चुकाते हैं.