चित्रांगदा
उलूपी से विवाह के बाद अर्जुन मणिपुर पहुंचे वहां की राजकुमारी चित्रांगदा अर्जुन पर मोहित हो गयी. अर्जुन भी चित्रांगदा से विवाह करना चाहते थे. विवाह के लिए चित्रांगदा के पिता ने शर्त रखी कि अर्जुन और उनकी पुत्री से होने वाली संतान उनके पास रहेगी और मणिपुर का सिंहासन संभालेगी.
चित्रांगदा और अर्जुन से एक पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम बुब्र्वाहन था.