आपको बता कि उत्तर प्रदेश का पश्चिमी क्षेत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बहुत खास है.
दंगों को लेकर यह क्षेत्र खूब चर्चा में रहा है. इस क्षेत्र में जाट मतदाताओं की तादाद काफी है. वह इस क्षेत्र में एक निर्णाय मतदाता की भूमिका में हैं. यह मतदाता विशेष रूप से चौधरी चरण के पुत्र अजीत सिंह का समथर्क माना जाता रहा है और इस क्षेत्र को उनका गढ़ माना जाता है.
लेकिन मुजफ्फरनगर दंगों के बाद इस जाटलैंड के समीकरण ऐसे बदले कि लोक सभा चुनावों में अजीत सिंह का यह अजेय समझा जाने वाला किला नेस्तनाबूत हो गया.
बताया जाता है कि इस क्षेत्र ने लोक सभा में जिस प्रकार भाजपा को उम्मीद से बढ़कर वोट दिए, उसने प्रधानमंत्री मोदी का इस क्षेत्र पर विश्वास बढ़ा दिया है.
आपका बता दें कि चाहे लव जिहाद का मामला हो या फिर गौरक्षा की हत्या के आरोप में अखलाक की हत्या. इसको लेकर यह क्षेत्र मीडिया के साथ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चर्चा में रहा है.
यदि भाजपा इस क्षेत्र से चुनाव हारती है तो इसका बहुत बुरा संदेश जाएगा. लोग इस क्षेत्र में भाजपा की हार को मोदी के विरोधी इसे असहिष्णुता से को रिलेट करके मीडिया में दुष्प्रचार करेंगे.
यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री की मेरठ रैली को सफल बनाने के लिए जिले में पदयात्रा की.
अमित शाह की मेरठ पदयात्रा बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि भाजपा सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाके में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है.
अमित शाह की मेरठ पदयात्रा के क्षेत्र की 140 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 11 और 15 फरवरी को होगा. इसे भाजपा एक मजबूत गढ के तौर पर देख रही है. अमित शाह ने पिछले दिनों कहा था कि इन 140 सीटों में से भाजपा 90 पर जीतेगी.
आपको बता दे कि इस इलाके में मुस्लिम और दलित मतदाताओं की अच्छी संख्या है. इस लिहाज से अमित शाह की मेरठ पदयात्रा का एक मकसद भाजपा समर्थकों को एकजुट करना भी था.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…