कहा जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो एक बार ठान लेते हैं उसको पूरा करके ही दम लेते हैं. चाहे उनके विरोधी उनका कितना ही विरोध क्यों न करे.
हाल में उन्होंने 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया है.
ये देश यमन, सोमालिया, इराक, ईरान, सीरिया, सूडान, लीबिया हैं.
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले पेंटागन दौरे में ट्रंप ने सबसे पहले इस शासकीय आदेश पर ही हस्ताक्षर किए थे.
अगर ध्यान हो तो हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा था कि मैं कट्टरपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए सघन जांच के नए नियम स्थापित कर रहा हूं. हम उन्हें यहां देखना नहीं चाहते.
जबकि वहीं दुनिया के कुछ देशों के मानवाधिकारवादी और उनके अपने देश में ही इसको लेकर उनके विरोधी उनकी नीति की आलोचना कर रहे हैं.
गौरतलब है कि काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन ने घोषणा की है कि वह 20 से ज्यादा लोगों की ओर से ट्रंप की हस्ताक्षरित शासकीय आदेश मुस्लिम प्रतिबंध को चुनौती देते हुए संघीय मुकदमा दायर करेगी.
लेकिन कुछ भी हो ट्रंप हैं कि अपने इस कदम से एक इंच भी पीछे हटने को तैयार नहीं है.
जानकारों का कहना है कि ट्रंप की नजरों में ये देश शैतान की धुरी हैं. यानी इन्हीं देशों से आतंकवाद को पालपोस कर बाहर के देशों में भेजा जाता है.
हाल में जिस प्रकार अमेरिका में गोली कांड की घटनाए हुई हैं उनमें बाहरी देशों में लोगों का हाथ सामने आया है.
गुप्त सूचनाएं जो खुफियां एजेंसियों के माध्यम से अमेरिका को मिली है उसके अनुसार ट्रंप की इस नीति के बाद अमेरिका के बाहर इन देशों में बैठे आतंकी हमले कर अमेरिकन को निशाना बना सकते हैं.
उस स्थिति में ट्रंप खामोश नहीं बैठेंगे और जवाब में इन देशों के खिलाफ अमेरिका का हमला बड़ा होगा.
जानकारों का मानना है कि अमेरिका का हमला ऐसा होगा जिसके लिए मजबूरन दुनिया के बाकी देशों को अमेरिका का समर्थन करना पड़ेगा.
अमेरिका का हमला इस बार हवाई हमलों के साथ इन देशों के खिलाफ कड़ी आर्थिक कार्रवाई करेगा, जिससे इन देशों की कमर टूट जाएगी.
बताया जाता है कि इसके लिए सीआई एक बेहद गोपनीय मिशन पर काम कर रहा है, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि इन देशों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के बिना बात नहीं बनने वाली है.
जानकारों का यह भी मानना है कि इस समय पूरे विश्व में आतंकवाद को लेकर एक स्वर में दुनिया के देश ट्रंप का समर्थन करते दिख रहे हैं. ऐसे में ट्रंप को इन दिशों में बैठे आतंकी आकाओं की अक्ल ठिकाने में ज्यादा कठिनाई नहीं आएगी.
यही वजह है कि अमेरिका के तेवर देखकर पाकिस्तान ने रातोंरात हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई की.
क्योंकि इस वक्त दुनिया में आतंक के खिलाफ फाइनल लड़ाई चल रही है. जो देश आतंक को बढ़ावा देंगे उनके खिलाफ दुनिया के देश मिलकर कड़ी कार्रवाई करने जा रहे हैं.
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