राजनीति

अमेरिकी सेना करना चाहती थी भारत में तख्तापलट ! देश का प्रधानमंत्री CIA की हिटलिस्ट में था !

अमेरिका ने दुनिया के कई देशों में अपनी सेना के दमपर तख्तापलट किया है.

यह देश बिना बुलावे के दूसरे देशों में आता है और अपने फायदे के लिए उस देश के प्रमुख को मारकर या कैदकर, उस देश पर कब्जा कर लेता है.

एक बार ऐसा ही कुछ डर भारत की ताकतवर नेता और प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी को सताने लगा था.

भारत की खुफियां एजंसियां प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को खबर दे चुकी थी कि आप सीआईए की हिट लिस्ट में हैं और कभी भी अमेरिका की सेना भारत में घुसकर आपका तख्तापलट कर सकती हैं. वैसे ऐसा हम नहीं बोल रहे हैं बल्कि खुद 1975 की देशी और विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स बोल रही थी. अपने कुछ ख़ास लोगों से इंदिरा गाँधी ने भी इस डर को जाहिर भी किया था.

तो आइये पढ़ते हैं कि यह पूरा मामला आखिर था क्या – क्यों अमेरिका की सेना तख्ता पलट चाहती थी –

खुद इंदिरा गाँधी ने बोला था –

बीबीसी की हिंदी वेबसाइट पर एक बार लेखक रेहान फजल ने लिखा था कि “इंदिरा ने कहा कि वो अमरीकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की हेट लिस्ट में सबसे ऊपर हैं और उन्हें डर है कि कहीं उनकी सरकार का भी सीआईए की मदद से चिली के राष्ट्रपति सालवडोर अयेंदे की तरह तख़्ता न पलट कर दिया जाए. बाद में एक इंटरव्यू में भी इंदिरा ने स्वीकार किया किया कि भारत को एक ‘शॉक ट्रीटमेंट’ की ज़रूरत थी. यह ट्रीटमेंट बाद में आपातकाल के रूप में सामने आया था.”

तो इस ब्यान से साफ़ हो गया है कि इंदिरा गांधी को जब कोर्ट ने अयोग्य घोषित किया तो पूरे देश में जैसे इंदिरा के खिलाफ विद्रोह तेज हो गया था. यहाँ तक कि भारत के अंदर कुछ राज्यों की तो विधानसभा तक भंग होने लगी थी. लेकिन इंदिरा गांधी को अपनी सीट से इतना प्यार हो गया था कि वह जनता की आवाज तक नहीं सुन रही थीं. लोग अब इंदिरा गांधी को उनके पद से हटाना चाहते थे किन्तु इंदिरा गांधी ने कोर्ट का फैसला भी यह बोलकर नकार दिया था कि कोई इनके और इनकी सरकार के खिलाफ साजिश कर रहा है. जब देश के अन्दर सन 1975 में स्थिति बिगड़ने लगी थी तो इस तरह की खबरें आना शुरू हो गयी थीं कि अब अमेरिका भारत के लोगों की आवाज को दम देने के लिए देश में अपनी अमेरिका की सेना भेज रहा है ताकि इंदिरा गांधी का तख्तापलट कर दिया जाये.

स्थिति वाकई तब खराब थी –

सन 1975 का यह समय भारत के वाकई खराब था.

एक तरह से जैसे तब देश में लोकतंत्र का गला घोट दिया गया था. 25 जून 1975 की मध्यरात्रि से 21 मार्च 1977 के बीच जो आपातकाल का दौर देश ने देखा, वह “आंतरिक अशांति” के कारण अनुच्छेद 352 के अंतर्गत लगाया गया था. इस दौरान लोगों को जेल में इसलिए डाला जा रहा था क्योकि वह सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे.

आपातकाल कितनी जल्दी लगाया गया था इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि संविधान बोलता है कि यदि कभी देश में आपातकाल की जरूरत पड़े तो पहले मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आपातकाल के निर्णय पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करवाना जरुरी होता है. तब कहीं जाकर देश में आपातकाल लागू किया जा सकता है. लेकिन इंदिरा गांधी ने सन 1975 में देश के अन्दर पहले रेडियो पर आपातकाल की घोषणा कर दी गयी थी और उसके बाद मंत्रिमंडल और राष्ट्रपति से हस्ताक्षर करवाए गये थे.

तो कुलमिलाकर सामने आता है कि उस समय वाकई इंदिरा गांधी अपनी मनमानी पर उतर आई थी और इसी कारण से अमेरिका की सीआईए की लिस्ट में इंदिरा सबसे ऊपर आ गयी थीं.

वह तो बस बोला जा सकता है कि शायद इंदिरा गांधी का अच्छा समय था कि अमेरिका की सेना भारत में तख्तापलट के लिए नहीं आ पाई थीं.

Chandra Kant S

Share
Published by
Chandra Kant S

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago