अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने एक ऐसा बयान दिया है जिसके बाद दुनिया के नए पुराने दादाओं चीन और रूस के पसीने छूट रहे हैं.
हाल में ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा कि अमेरिका को अपनी परमाणु हथियार और ज्यादा बढ़ाने की काफी जरूरत है. यानी अब अमेरिका को अपने सुरक्षा बेड़े में परमाणु हथियार की संख्या बढ़ा देनी चाहिए जिसे कि उसने सोवियत रूस के टूटने के बाद कम कर दिया था.
ट्रंप यहीं नहीं रूके, बल्कि उन्होंने आगे लिखा कि अमेरिका को तब तक ऐसा करते रहना चाहिए जब तक कि परमाणु हथियार को लेकर बाकी दुनिया का दिमाग ठिकाने नहीं आ जाता है.
ट्रंप के इस बयान के बाद दुनिया में इन दिनों दादागिरी के दम पर अमेरिका को आंख दिखा रहे रूस और चीन के माथे पर बल पड़ गए हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव चल रहे थे तो उस दौरान कहा जा रहा था की रूस के राष्ट्रपति पुतिन ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं और ट्रंप व पुतिन में दोस्ती है.
लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद जो बड़ा बयान आया है उसको देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ सकती है.
दरअसल, ट्रंप के इस बयान से पहले ही पुतिन ने कहा था कि आने वाले साल में रूस सैन्य रणनीति के तहत अपनी परमाणु क्षमताओं को और ज्यादा मजबूत करेगा.
लेकिन ट्रंप के बयान के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन का दावा है कि रूस की सेना किसी भी दुश्मन देश की सेना से ज्यादा मजबूत है. इन बयानों के बाद से कयास लगने शुरू हो गए हैं कि ट्रंप के इन आका्रमक तेवरों से रूस और चीन में खलबली मचना तय है.
हालांकि चीन ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
लेकिन चीन ने हाल में जिस प्रकार अमेरिका के ड्रोन को पकड़कर अपने कब्जे में रखा और उसको लेकर ट्रंप ने जिस प्रकार का रूख अपनाया और चीन को अमेरिका का वह ड्रोन छोड़ना पड़ा, उससे अब चीन को भी समझ में आ रहा है कि ट्रंप के आने के बाद अमेरिका की नीतियों में काफी बदलाव आने जा रहा है. सब कुछ पहले की तरह नहीं चलने वाला.
विश्व जगत में ट्रंप के ताजा बयान को लेकर खलबली मची हुई है. इससे यह आशंका मजबूत हो गई है कि शीत युद्ध के दौर की ही तरह आने वाले दिनों में दुनिया की महाशक्ति देशों के बीच परमाणु हथियार विकसित करने की दौड़ बढ़ेगी.