डोनाल्ड ट्रंप – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार विदेश दौरों पर विपक्ष भले ही उंगली उठाता रहे, मगर इन दौरों की वजह से पूरी दुनिया से भारत का न सिर्फ जुड़ाव हुआ है, बल्कि संबंध भी बेहतर बने हैं.
मोदी की अमेरिका यात्रा और डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा ने दोनों देशों को संबंधों को और मज़बूत किया है और कभी भारत पर प्रतिबंधों की झड़ी लगाने वाला अमेरिका का रुख अब भारत के प्रति काफी नरम हो चुका है.
अमेरिका अब भारत से दोस्ती निभाना चाहता है शायद उसे भी भारत की शक्ति का एहसास हो चुका है, तभी तो अमेरिका ने अपनी संसद में नया रक्षा विधेयक पास करके भारत के हक में फैसला किया.
अमेरिकी संसद ने बुधवार को नया राष्ट्रीय रक्षा विधेयक पास किया है, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं. इस विधेयक के पास होने के साथ भारत को रूस से रक्षा उपकरण खरीदने में जो की दिक्कतें आ रही थीं, अब वह खत्म हो जाएंगी. इसके कारण अब रूस से हथियार खरीदना भारत के लिए आसान हो जाएगा.
अमेरिकी संसद में राष्ट्रीय रक्षा विधेयक, 2019 पारित हो जाने से सीएएटीएस कानून के तहत अब भारत के खिलाफ किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगेगा. कार्रवाई कानून (सीएएटीएसए) के तहत उन देशों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाते हैं जो रूस से महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों की खरीद करते हैं.
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रक्षा विधेयक पिछले सप्ताह ही पारित हो चुका है. अब इसे कानून बनाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर की ज़रूरत है. इस विधेयक में CAATSA के प्रावधान 231 को समाप्त करने की बात कही गई है.
जानकारों के मुताबिक, सीएएटीएसए के नये संशोधित प्रावधानों को कानूनी रूप मिलने के बाद भारत के लिए रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदना आसान हो जाएगा. रक्षा विधेयक में एक प्रावधान किया गया है जिसके तहत अमेरिका और अमेरिकी रक्षा संबंधों के लिए महत्वपूर्ण साझेदार को राष्ट्रपति एक प्रमाणपत्र जारी कर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंधों से छूट दे सकता है.
भारत को प्रतिबंधों से छूट देकर अमेरिका ने साबित कर दिया है कि वो भविष्य में भारत से संबंध बेहतर करना चाहता है और उसके इस नरम रुख की वजह कहीं न कहीं वैश्विक स्तर पर भारत का बढ़ता कद है. साथ ही नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं की वजह से भी वैश्विक स्तर पर भारत की छवि मज़बूत राष्ट्र के रूप में उभरी है.