अमेरिका और पाकिस्तान – भारत – पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से अमेरिका पाकिस्तान को करोडो की आर्थिक मदद पहुंचता रहा है ।
लेकिन आंतकवाद के चलते धीरे- धीरे अमेरिका और पाकिस्तान के बीच दूरियां बढने लगी। जिसका परिणाम ये हुआ कि अब अमेरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को मदद देने से इनकार कर दिया है ।
हालांकि अमेरिका सच में कोई मदद नही करता है या फिर ये पाकिस्तान को डराने के महज कोशिश ये कहना तो मुश्किल है । क्योंकि पाकिस्तान को सहायता देने के पीछे हमेशा से अमेरिका के अपने लाभ छुपे रहे है जिन्हे वो खोना नही चाहेगा । लेकिन ये भी सच है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बने के बाद से पाकिस्तान पर अमेरिका गुस्सा बार- बार फूट रहा है।
आपको बता दे पिछले 50 सालो से अमेरिका पाकिस्तान को हर साल करोडो की आर्थिक मदद दे रहा है । ओर अमेरिका ने ये आर्थिक मदद अमेरिका में हुए 26/11 के हमले के बाद बढा दी थी। 26/11 के आंतकी हमले में अमेरिका के हजारों लोगो की जान गई थी। जिसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान से आंतकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान को करोडो की आर्थिक सहायता के साथ सैन्य अभ्यास के लिए ट्रेनिंग भी दी । हालाकि ऐसा नही है कि पाकिस्तान ने कभी अमेरीका के लिए कुछ नही किया । पाकिस्तान ने आफगानिस्तान और इराक युद्ध के दौरान अमेरीका को अपने तीन एयरबेस इस्तेमाल करने दिए। लेकिन इऩ सब के बावजूद भी पाकिस्तान अपने देश से आंतक की जड़ो को खत्म करने में नाकाम हुआ।
आतंकवादियो ने पाकिस्तान को अमेरिका की मदद करने की सजा पाकिस्तान में हमले कराके दी। आकङो के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल 30 हजार से ज्यादा आतंकियों के कारण मारे जाते हैं आतंकवादियो ने पाकिस्तान को अपना अड्डा बना लिया है आफगानिस्तान , भारत जैसे राज्यों
में हमले करके वापस यहां आकर बस जाते है । हालांकि इन आतंकवादियो को कही न कही पाकिस्तान की सरकार और सेना की शय और लापरवाही का नतीजा है । क्योंकि वरना किसी सरकार की नीति इतनी विफल कैसे हो सकती है जो अपने घर में बैठे आतंकवादियो को नही पकङ पा रहा है।
और अब तो आलम ये है कि आतंक वादी पाकिस्तान में अपनी राजनीतिक पार्टियां बनाकर चुनाव भी लडने लगे है जो अमेरिका राय नही आ रहा ।पाकिस्तान की आतंकवाद को पनाहा पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी पाकिस्तान को बुरी फटकार लगा चुके है । और डोनाल्ड ट्रंप तो आर्थिक मदद को ही बंद करने की तैयारी कर रहे है ।
अमेरिका यूएन में पाकिस्तान को आतंकी देश भी कह चुका है । जिस वजह से माना जा सकता है कि अमेरिका और पाकिस्तान का रिश्ता टूटने की कगार पर है ।
आकड़ो के मुताबिक 1948 में भारत से पाकिस्तान से अलग होने के बाद अमेरिका ने सबसे पहले पाकिस्तान को 3 करोड की मदद दी थी इसके बाद 1948 से 1960 के बीच 50 हजार करोड की आर्थिक मदद की । इसके बाद 1961 से 1970 के बीच 94 हजार करोड की राशि अमेरिका ने पाकिस्तान को दी। लेकिन इसके बाद अमेरिका ने अपनी मदद में कमी करना शुरु कर दिया। पिछले 10 साल में अमेरिका ने तकरीबन 22 सौ करोङ की आर्थिक मदद पाकिस्तान को दी है । जो अब पाकिस्तान के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते पूरी तरह अपने रिश्तों को खत्म करने की कोशिश में लगा है ।
अमेरिका और पाकिस्तान का ये सियासी खेल है अमेरिका ने पाकिस्तान को करोङो की आर्थिक मदद दी हो । लेकिन ये भी सच है कि कर्ज में डूबे होने के कारण ही पाकिस्तान अमेरिका से दबकर रहता है ।